जीएसटी संग्रह में साल-दर-साल 56 प्रतिशत की वृद्धि, जून में जमा हुआ 144,616 करोड़ रुपये

देश की आर्थिक गतिविधियों में लगातार सुधार होता नजर आ रहा है। वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार जून 2022 के महीने में सकल जीएसटी राजस्व संग्रह 144,616 करोड़ रुपये का रहा, जिसमें सीजीएसटी 25,306 करोड़ रुपये, एसजीएसटी 32,406  करोड़ रुपये, आईजीएसटी 75887 करोड़ रुपये (वस्‍तुओं के आयात पर संग्रह किए गए 40102 करोड़ रुपये सहित) और उपकर 11,018 करोड़ रुपये (वस्‍तुओं के आयात पर संग्रह किए गए 1197 करोड़ रुपये सहित) शामिल हैं। जून 2022 में सकल जीएसटी संग्रह अप्रैल 2022 के 1,67,540 करोड़ रुपये के संग्रह के बाद दूसरा सबसे बड़ा संग्रह है।

सरकार ने आईजीएसटी से 29,588 करोड़ रुपये का सीजीएसटी और 24,235 करोड़ रुपये का एसजीएसटी में निपटान किया है। इसके अतिरिक्त, केंद्र ने इस महीने में केंद्र और राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के बीच 50:50 के अनुपात में तदर्थ आधार पर 27,000 करोड़ आईजीएसटी का निपटान किया है। जून 2022 में नियमित निपटान के बाद केन्‍द्र और राज्यों का कुल राजस्व सीजीएसटी के लिए 68,394 करोड़ रुपये और एसजीएसटी के लिए 70,141 करोड़ रुपये रहा।

जून 2022 के महीने के लिए राजस्व पिछले साल के इसी महीने में संग्रह किए गए 92,800 करोड़ रुपये के जीएसटी राजस्व से 56 प्रतिशत अधिक है। इस मास के दौरान वस्‍तुओं के आयात से प्राप्‍त राजस्व 55 प्रतिशत अधिक रहा और घरेलू लेन-देन से प्राप्‍त राजस्‍व (सेवाओं के आयात सहित) पिछले वर्ष के इसी महीने के दौरान इन स्रोतों से प्राप्‍त राजस्व की तुलना में 56 प्रतिशत अधिक है।

यह पांचवीं बार है जब जीएसटी की स्थापना के बाद से मासिक जीएसटी संग्रह ₹ 1.40 लाख करोड़ का आंकड़ा पार कर गया है और मार्च 2022 के बाद से चौथा महीना है। जून 2022 में संग्रह न केवल दूसरा सबसे अधिक रहा, बल्कि कम मासिक संग्रह होने की प्रवृत्ति को भी तोड़ दिया है जैसा कि अतीत में देखा गया है। मई 2022 के महीने में कुल ई-वे बिल सृजित हुए, जो 7.3 करोड़ थे, जो अप्रैल 2022 के महीने में उत्पन्न 7.4 करोड़ ई-वे बिल से 2 फीसदी कम हैं।

वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में औसत मासिक सकल जीएसटी संग्रह ₹1.51 लाख करोड़ रहा है, जो पिछले वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में ₹1.10 लाख करोड़ के औसत मासिक संग्रह के मुकाबले 37% की वृद्धि दर्शाता है। आर्थिक सुधार के साथ, चोरी-रोधी गतिविधियों, विशेष रूप से नकली बिलर्स के खिलाफ कार्रवाई, जीएसटी को बढ़ाने में योगदान दे रही है। इस महीने में सकल उपकर संग्रह जीएसटी लागू होने के बाद से सबसे अधिक है।