दो पहिया वाहन चालकों की सुरक्षा पर सुप्रीम कोर्ट का महत्वपूर्ण निर्णय

दो पहिया वाहन चलाने और पीछे बैठने वालों के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्णय में कहा है कि मोटरसाइकिल पर पीछे बैठने वालों की सुरक्षा भी अनिवार्य है। इसके लिए अब वाहन निर्माताओं को ड्राइवर सीट के पीछे या बाजू में सेफ्टी हैंडल लगवाना पड़ेगा। इसके अलावा साड़ी को चके में फंसने से बचाने के लिए पीछे के टायर को दोनों तरफ से सेफ्टी ग्रिप से ढंकना होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि पैर रखने के लिए भी उचित फुट रेस्ट लगाने होंगे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इन दिशानिर्देशों के लागू किए बिना बाइक का रजिस्ट्रेशन नहीं होगा।
न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने मप्र उच्च न्यायालय के नवम्बर 2008 के फैसले के खिलाफ सोसाइटी आफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैनुफैकचरर (सियाम) की अपील खारिज करते हुए यह आदेश दिया। नवंबर 2008 में मप्र हाईकोर्ट में अर्जी दायर कर याचिकाकर्ता ज्ञान प्रकाश ने मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 123 को लागू करने का निर्देश देने की मांग की थी। हाईकोर्ट ने वाहन निर्माताओं को धारा 123 को लागू करने का निर्देश दिया था। हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ वाहन निर्माताओं ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भी उनकी अर्जी खारिज कर दी। ज्ञान प्रकाश नामक व्यक्ति ने मार्च 2007 में यह याचिका दायर की थी। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना आदेश सुनाया था। बाद में इस फैसले के खिलाफ सियाम ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। करीब तीन दशक से इस नियम का पालन नहीं कर रहे थे, जिसके चलते आए दिन सड़क पर मौतें हो रही हैं।