बेतुके कारण बताकर मोबाइल नंबर पोर्ट न करने पर दस हजार जुर्माना

अब मोबाइल उपभोक्ताओं के लिए अपना पुराना मोबाइल नंबर अन्य मोबाइल नेटवर्क कंपनी में पोर्ट कराना और आसान होगा। भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण-ट्राई ने मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी में बदलाव से जुड़ा मसौदा नियमन जारी कर दिया है।
नए नियमन के लागू होने पर टेलीकॉम कंपनियों के लिए पोर्टेबिलिटी की प्रक्रिया निर्धारित 72 घंटों में पूरी करनी होगी। इसके साथ ही बेतुके कारण बताकर नंबर पोर्ट कराने के लिए आये आवेदन को अस्वीकार करने पर टेलीकॉम कंपनियों पर दस हजार रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा।
आम जनता के लिए मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी व्यवस्था को आसान बनाने दूरसंचार विनियामक द्वारा संशोधन किये जा रहे हैं। विभिन्न हिस्सेदारों से विचार-विमर्श के बाद ट्राई ने सुझावों और टिप्पणियों के आधार पर संशोधन का मसौदा तैयार किया गया है और सार्वजनिक राय मांगी। पोर्टेबिलिटी के लिए आवेदन करने वाले आवेदक को पहले 24 घंटे तक आवेदन वापस लेने की सुविधा दी गई है। हालांकि आवेदन प्रस्तुत करने के 72 घंटों में टेलीकॉम कंपनी को पोर्टेबिलिटी करना ही होगा। इसके अलावा किसी भी सूरत में यह पाया गया कि सेवा प्रदाता द्वारा अनुचित कारणों से आवेदन को खारिज किया गया है तो दस हजार रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।