संसद की एक स्थाई समिति ने सिफारिश की है कि ऐसे लोग जो सरकारी नौकरी करना चाहते हैं उनके लिए पाँच साल की सैन्य सेवा अनिवार्य की जाए। देश की तीनों सेनाएं इस समय अफसरों और सैनिकों की कमी से जूझ रही है। संसदीय स्थायी समिति ने बजट सत्र में संसद में पेश की गई अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारतीय सेना जवानों की कमी को वक्त रहते पूरा करने की आवश्यकता है। समिति ने कहा है कि देश में सरकारी नौकरी करने से पहले युवाओं को पाँच साल सेना में नौकरी करना अनिवार्य किया जाना चाहिए।
समिति ने डिपार्टमेंट आफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग से सिफारिश करते हुए इस बारे में एक पत्र लिखा है और कहा है कि वो इस बारे में एक प्रस्ताव तैयार कर सरकार को भेजे। समिति का कहना है कि सरकारी नौकरी से पहले अगर लोगों को सेना के काम मे लगाया जाएगा तो वह ज्यादा अनुशासित होंगे। संसदीय समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के युवा सभी सरकारी विभागों में नौकरी के लिए जितने आवेदन आते हैं, लेकिन सेना की नौकरी के लिए उसके आधे आवेदन आते हैं। देश के लोगों का ध्यान सरकारी नौकरी पाने के लिए तो है, परन्तु देश की सेवा करने के लिए सेना में आने की ओर नही। सरकारी नौकरियों के लिए अगर सैन्य सेवा अनिवार्य की जाती है तो इससे सशस्त्र सेनाओं में हो रही जवानों की कमी को भी पूरा किया जा सकेगा। सिफारिशों के बारे में रक्षा मंत्रालय से भी सुझाव मांगे गए हैं।