पूरी दुनिया के मुख्य डोमेन सर्वर के मेंटेनेंस की वजह से दुनिया की इंटरनेट सर्विस को आने वाले 48 घंटों तक बंद किया जा रहा है। मुख्य डोमेन सर्वर को अपडेट किया जा रहा है, ताकि इंटरनेट को पहले के मुकाबले सुरक्षित बनाया जा सके। दावा है कि इनक्रिप्टोग्राफी की अपडेट के बाद डोमेन पहले से अधिक सुरक्षित होंगे।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इंटरनेट के मुख्य डोमेन सर्वर्स और इससे जुड़े नेटवर्क इन्फ्रास्ट्रक्चर कुछ समय के लिए डाउन हो जाएंगे। दी इंटरनेट कॉर्पोरेशन ऑफ असाइंड नेम्स एंड नंबर्स (ICANN) इस दौरान क्रिप्टोग्राफिक कीज में बदलाव करके मेनटेनेंस का काम करेगी जिससे यूजर्स प्रभावित हो सकते हैं। क्रिप्टोग्राफिक कीज में बदलाव इंटरनेट ऐड्रेस बुक, नेम सिस्टम (DNS) को सिक्योर करने के लिए किया जा रहा है। साइबर अटैक और हैकिंग के बढ़ते मामलों को देखते हुए ऐसा करना बहुत जरूरी हो गया है। इस मेंटेनेंस के कारण पूरी दुनिया के लगभग 36 मिलियन यानि करीब 3.6 करोड़ लोग प्रभावित होंगे। वैसे तो यह आंकड़ा सिर्फ 1 फीसदी ही है लेकिन 3.6 करोड़ लोग कम नहीं होते हैं। इसका असर भारत में भी होगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इसका सीधा असर पूरी दुनिया में देखने को मिलगा। आने वाले अगले 48 घंटे मे इंटरनेट यूजर्स को वेब पेज ओपन करने और ट्रांजेक्शन करने में भी दिक्कत हो सकती है। साथ ही पुराने इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर के यूजर्स को ग्लोबल नेटवर्क ऐक्सेस करने मे भी परेशानी हो सकती है।
इंटरेट कॉर्पोरेशन फॉर असाइंड नेम्स एंड नंबर्स एक नॉन प्रॉफिट संस्था है जो दुनिया भर में इंटरनेट नेटवर्क के रख रखाव और इसे सिक्योर करने का काम करता है। इसके अलावा यही ऑर्गनाइजेशन IP अड्रेस स्पेस, प्रोटोकॉल पैरामीटर, DNS मैनेजमेंट और रूट सर्वर सिस्टम मैनेजमेंट फंक्शन का काम करती है। यह ऑर्गनाइजेशन सेंट्रल इंटरनेट ऐक्सेस का टेक्निकल मेंनटेनेंस का काम करता है।
कम्युनिकेशन्स रेगुलेटरी अथॉरिटी (CRA) ने अपने एक बयान में कहा, सुरक्षा, स्थिरता के लिए पूरी दुनिया में इस तरह का इंटरनेट शटडाउन बेहद जरूरी है। अथॉरिटी ने बताया कि अगर यूजर्स के नेटवर्क ऑपरेटर्स या इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स (ISPs) इस बदलाव के लिए तैयार नहीं हैं तो उन्हें इस स्लोडाउन से परेशानी हो सकती है। हालांकि ये भी स्पष्ट कर दिया गया है कि सिस्टम सिक्यॉरिटी एक्सटेंशन्स को इनेबल कर इस प्रभाव को कम किया जा सकता है।