केंद्र सरकार का बड़ा फैसला: पूर्वोत्तर भारत के तीन राज्यों के कई थाना क्षेत्रों से हटाया जाएगा AFSPA

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए प्रभावी कदम से पूर्वोत्तर राज्यों में सुरक्षा स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है और विकास में तेजी आयी है। वर्ष 2014 की तुलना में, वर्ष 2022 में उग्रवादी घटनाओं में 76 प्रशित की कमी आई है। उसी प्रकार इस अवधि में सुरक्षाकर्मियों और नागरिकों की मृत्यु में क्रमश: 90 प्रतिशत और 97 प्रतिशत की कमी आई है। केंद्र सरकार के लगातार प्रयासों से पूर्वोत्तर भारत की सुरक्षा स्थिति में अभूतपूर्व सुधार हुआ है और भारत सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम के तहत दशकों बाद अप्रैल 2022 से नागालैंड, असम और मणिपुर में सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम के तहत अशांत क्षेत्रों को कम किया। एक और महत्वपूर्ण निर्णय करते हुए इन तीनों राज्यों में फिर से 1 अप्रैल 2023 से AFSPA के तहत अशांत क्षेत्रों में और कमी की जा रही है।

केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि यह निर्णय पूर्वोत्तर भारत की सुरक्षा स्थिति में आये उल्लेखनीय सुधार को देखते हुए लिया गया है। उत्तर पूर्व की सुरक्षा, शांति और विकास को प्राथमिकता देने का काम पहली बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हुआ, उसके परिणामस्वरूप पूर्वोत्तर शान्ति और विकास के पथ पर तेजी से अग्रसर हो रहा है। पूर्वात्तर के राज्यों में कई शांति समझौते लागू किए गए, जिसके परिणाम स्वरुप अधिकांश उग्रवादी समूहों ने देश के संविधान और मोदी सरकार की नीतियों में विश्वास जताते हुए हथियार डाले और शांति और विकास में सहभागी बने। वर्ष 2014 से अभी तक लगभग 7000 उग्रवादियों ने सरेंडर किया है।

संपूर्ण असम में वर्ष 1990 से अशांत क्षेत्र अधिसूचना लागू है। मोदी सरकार के अथक प्रयासों से सुरक्षा स्थिति में उल्लेखनीय सुधार के परिणामस्वरूप 1 अप्रैल 2022 से असम के 9 जिलों तथा एक जिले के एक सब-डिविजन को छोड़कर शेष पूरे असम राज्य से AFSPA के अन्तर्गत अशांत क्षेत्रों को हटा लिया गया था तथा 1 अप्रैल 2023 से अशांत क्षेत्रों में ओर कमी करते हुए इसे मात्र 8 जिलों तक सीमित कर दिया गया है।

मणिपुर (इंफाल नगर पालिका क्षेत्र को छोड़कर) में अफस्पा के अधीन अशांत क्षेत्र घोषणा वर्ष 2004 से चली आ रही थी। केंद्र सरकार द्वारा महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए 6 जिलों के 15 पुलिस स्टेशन क्षेत्र को 1 अप्रैल 2022 से अशांत क्षेत्र अधिसूचना से बाहर किया गया था और अब 1 अप्रैल 2023 से AFSPA के अधीन अशांत क्षेत्र अधिसूचना को 4 अन्य थाना क्षेत्रो से हटाते हुए, कुल 7 जिलों के 19 पुलिस थानों से हटाया जा रहा है।

सम्पूर्ण नागालैण्ड में अशान्त क्षेत्र अधिसूचना वर्ष 1995 से लागू है। केन्द्र सरकार ने इस सन्दर्भ में गठित कमेटी की चरणबद्ध तरीके से AFSPA हटाने की सिफारिश को मानते हुए 1 अप्रैल 2022 से 7 जिलों के 15 पुलिस स्टेशनों से अशांत क्षेत्र अधिसूचना को हटाया गया था और 1 अप्रैल 2023 से AFSPA के अधीन अशांत क्षेत्र अधिसूचना को 3 अन्य थाना क्षेत्रो से हटाते हुए, कुल 8 जिलों के 18 पुलिस थानों से हटाया जा रहा है।

गृह मंत्री अमित शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा कि पूर्वोत्तर के लोगों के जीवन में यह सकारात्मक परिवर्तन लाने और इस क्षेत्र को पूरे भारत के साथ दिल से जोडऩे के लिए मोदी जी का आभार व्यक्त करता हूँ, इस महत्वपूर्ण अवसर पर पूर्वोत्तर के लोगों को बधाई देता हूं।