बंगाल की खाड़ी में हुआ भारतीय नौसेना के सर्वेक्षण पोत ‘इक्षक’ का जलावतरण

भारतीय नौसेना के लिए गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स एवं एल एंड टी द्वारा बनाए जा रहे चार सर्वे वेसल्स (लार्ज)प्रोजेक्ट में से तीसरा सर्वेक्षण पोत ‘इक्षक’ कट्टुपल्ली, चेन्नई में लॉन्च किया गया। दक्षिणी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ वाइस एडमिरल एमए हम्पीहोली की उपस्थिति में लॉन्च समारोह में इस जहाज ने बंगाल की खाड़ी में जलावतरण किया।

नौसेना की समुद्री परंपरा को ध्यान में रखते हुए वाइस एडमिरल एमए हम्पिहोली की पत्नी श्रीमती मधुमती हम्पिहोली ने अथर्ववेद के मंत्रोच्चारण के साथ इस जहाज का शुभारंभ किया। जहाज का नाम ‘इक्षक’ रखा गया है जिसका अर्थ है ‘गाइड’। समुद्र में मेरिनर्स के लिए सुरक्षित मार्ग मुहैया कराने में सर्वेक्षण जहाजों के योगदान को दर्शाने के लिए इस जहाज का नाम रखा गया है।

नई पीढ़ी के हाइड्रोग्राफिक उपकरणों से युक्त एसवीएल जहाज समुद्र संबंधी डेटा एकत्र करने के लिए मौजूदा संधायक क्लास के सर्वेक्षण जहाजों की जगह लेंगे। सर्वेक्षण पोत (लार्ज) जहाज 3400 टन की क्षमता के साथ 110 मीटर लंबा, 16 मीटर चौड़ा और 231 कमिज़्यों की सुविधाओं वाला जहाज है। इस जहाज की प्रणोदन प्रणाली में ट्विन शाफ़्ट कॉन्फिगुरेशन में दो मुख्य इंजन होते हैं और इसे 14 समुद्री मील की क्रूज गति और 18 समुद्री मील की अधिकतम गति के साथ डिजाइन किया गया है। उथले जल में कम गति में बेहतर संचालन के लिए बो एंड स्टर्न थ्रस्टर्स की मदद ली गई है। इन जहाजों का हल स्वदेशी रूप से विकसित डीएमआर 249-ए स्टील से बना है जो स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड द्वारा निर्मित है।

चार सर्वे मोटर बोट और एक हेलीकॉप्टर ले जाने की क्षमता के साथ जहाजों की प्राथमिक भूमिका बंदरगाहों और नौवहन चैनलों के पूर्ण पैमाने पर तटीय और गहरे पानी के हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण करने की होगी। जहाजों को रक्षा के साथ-साथ नागरिक उपयोग के लिए समुद्र विज्ञान और भूभौतिकीय डेटा एकत्र करने के लिए भी काम मे लिया जाएगा। आपात स्थिति के दौरान हॉस्पिटल जहाजों के रूप में सेवा देने के अलावा अन्य भूमिका में यह जहाज सीमित रक्षा प्रदान करने में सक्षम हैं।