जीवन मे भाव हो तो शबरी जैसा,
कि प्रभु भी झूठे बेर खा जाये
त्याग होतो उर्मिला जैसा,
जो पति इच्छा के लिये विरह स्वीकारे
विश्वास होतो सावित्री जैसा,
जो यमराज से पति के प्राण छीन लायें
ज्ञान हो तो गार्गी जैसा,
जो विद्वानों को भी शास्त्रार्थ में हरा दे
सौंदर्य हो तो अहिल्या जैसा,
जो इंद्र देव को भी विचलित कर दे
शक्ति हो तो लक्ष्मी बाई जैसी,
जो दुश्मनों को भी धूल चटा दे
भक्ति हो तो मीरा जैसी,
जो लोकलाज त्याग कृष्णमय हो जाये
नारी हो तो भारत की नारी जैसी,
जो इन गुणों को धारण करे
देश हो तो भारत जैसा,
जो अनेकता में एकता समेटे
-गरिमा राकेश गौतम
महावीर नगर ii,
कोटा, राजस्थान