अकेला बूढ़ा आदमी
चूल्हे की आँच पर
बना रहा है रोटी
बार-बार की कोशिश के बाद भी
सेंकते हुए जल जाती हैं रोटियाँ
अकेला बूढ़ा आदमी
चुप्पी की चटनी के साथ
खा रहा है जली हुई रोटियाँ
खाते हुए
एक हाथ से तोड़ता है
रोटी का टुकड़ा
दूसरे हाथ से पोछता है
अपना गीला गाल
-जसवीर त्यागी