मैं वीर, भारत का वासी हूँ
मैं देश के शत्रु का विनाशी हूँ
देश के दुश्मनों का नाश करूँगा
अंतिम श्वास तक लड़ता रहूँगा
जब गोली लगेगी मेरी छाती पर
नमन करूँगा देश की माटी पर
माँ भारती को शीश चढ़ाऊँगा
मैं बार-बार लौट कर आऊँगा
हर बार जन्म लूँ दुआ करूँ मैं
देश के लिए ही हर बार मरूँ मैं
यही वीरों की सच्ची शहादत है
यही वीरों की देश से मोहब्बत है
-सोनल ओमर
कानपुर, उत्तर प्रदेश