सुंदर प्यारे छोटे सच्चे
अच्छे हैं इस देश के बच्चे
रोज सुबह विद्यालय जाते,
अपने गुरु को शीश नवाते
जाति धर्म का भेद न जाने,
मात-पिता को सब कुछ माने
संयम के हैं ये पक्के
अच्छे हैं इस देश के बच्चे
जीवन इनका बड़ा निराला,
करते घर में सदा उजाला
बैर-भाव को दूर भगाते,
मिल जुलकर है राह दिखाते
लगते हैं ये मन के कच्चे
अच्छे हैं इस देश के बच्चे
चंचलता से कभी न हारे
अपनी मां के प्राण प्यारे
प्रेम भरा संसार है इनका,
मिलता इन्हें दुलार सभी का
खिलते फूलों से बच्चे
अच्छे हैं इस देश के बच्चे
सारे जग के सृजन हारे,
भारत के हैं राज दुलारे
रहते मस्त सदा मतवाले,
मातृभूमि के ये रखवाले
होते मन के बिल्कुल सच्चे
अच्छे हैं इस देश के बच्चे
-रामसेवक वर्मा
विवेकानंद नगर, पुखरायां,
कानपुर देहात, उत्तर प्रदेश
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