हे मोहन मुरलीधारी
तोरी अखियां कजरारी
बातें तोरी है प्यारी
हे मोहन मुरलीधारी
हे केशव, कुंजबिहारी
सूरत तोरी है न्यारी
जाऊँ मैं तुझपे बलिहारी
हे केशव कुंजबिहारी
हे नन्द के लाल, नन्दलाला
दीवानी तोरी है हर बाला
कोई कहे तोहे कान्हा
कोई कहे तोहे लाला
हे नन्द के लाल, नन्दलाला
मैं हूँ तोरी चरणों की दासी
मोरी अखियां तोरे दर्शन की प्यासी
हे मोहन मुरलीधारी
हे केशव कुंजबिहारी
ममता शर्मा
पीजीजीसीजी-42
चंडीगढ़