लेकर आई लोहड़ी, फिर से नूतन हर्ष
करते हैं हम सब कामना, मंगलमय हो नववर्ष।।
शीतल-शीतल रात है, शीतल-शीतल भोर
उत्सव का माहौल है, फैला चारों ओर।।
प्रफुल्लित मन से लोहड़ी, मना रहे हैं लोग
लोहड़ी की अग्नि को लगा रहे हैं भोग।।
मन को मोह रहे हैं, त्योहारों के यह रंग
नीले आसमान में उड़ा रहे हैं पतंग।।
उत्तरायणी आ रही है, लेकर नया मोड़
देश में अब घट जाएगा, शरद ऋतु का जोर।।
आते देख बसंत को, सर्दी होगी कम
फूली सरसों देखकर, चित में उठी उमंग।।
भंवरे गुंजन कर रहे, तितली करती नृत्य
लोहड़ी की तैयारी में लोग कर रहे कृत्य।।
पूजा
पीजीजीसीजी-42
चंडीगढ़