Ignoreance एक ऐसा विष है, जो सर्वाधिक प्रेम को मारता, अपनत्व को मारता और कभी-कभी यही ignorance सामने वाला अति कर दे तो…
यही तकनीक आप जब स्वयं अपनाते तो आपके जीवन को अनुदान मिल जाता… और उनके हिस्से में Ignorance आ जाता..
Ignor शब्द ही है किसी बात पर या किसी व्यक्ति विशेष के लिए अप्रत्यक्ष रुप की प्रक्रिया..
आप जब किसी व्यक्ति विशेष के साथ जुड़े होते हैं, उससे लगाव जोड़ता है, प्रेम बढ़ता है लेकिन फिर यही सब व्यक्ति विशेष को एक दिन irritate करने लगता है…
सबसे जरुरी बात किसी भी रिश्ते में ग़र प्रेम है तो टकरार भी है, बातें भी, परेशानियां भी ख़ुशी है तो कभी-कभी मौन भी, समझने की प्रक्रिया यही है कि सामने वाले का स्वभाव कैसा है, वो आपके साथ कहाँ और कितना stand करता है…
जब वो व्यक्ति आपको ignor या ये कह दे कि मैं irritate हो रहा या हो रही.. तो इसमें बुरा क्यों समझना, आपको समझना ग़र आप उसे समझते हैं तो उन्हें छोड़ दीजिये क्योंकि उन्हें जो कहना आपको कह दिए.. वो नही समझ पा रहा आपको तो उन्हें क्यों पकड़ना.. क्यों जकड़ना?
Space दो, बहुत खूबसूरत दुनियाँ है और हम अपनी सोच में एक दुनियाँ बसा लेते हैं, और स्वयं को प्रताड़ित करते हैं। हमारे पास परिवार, दोस्त, हमारी अपनी choice भी हैं और सबसे बड़ी बात मुझे लगता कि स्वयं का होना……
जीवन की सबसे बड़ी निधि है कोई आपको खोए तो पछताए, कि आपको पाकर खोंना उनके नियति की विडम्बना है, किसी को ज़िद्द से , किसी के पीछे भागकर, किसी को रोकर पाया तो क्या पाया….
Ignorance अहम के वहम का हिस्सा है, जिन्हें आप पसंद नहीं भी करते, तो आप उस रिश्ते से पीछे हट जाइये..स्वयं को आगे ले जाइये…