इतिहास बदलने वाला है: अनामिका गुप्ता

अनामिका गुप्ता

भूल जाएं इस नक्शे को
यह नक्शा बदलने वाला है
कुछ दिन और जरा ठहरो
इतिहास बदलने वाला है

रोज तबाही करता था जो
खुद वो तबाह होने वाला है
जुरत की इस मिट्टी में आने की
वह मिट्टी में मिलने वाला है

नहीं जानते वह गीदड़
शेरों से पाला पडने वाला है
जन्म जन्म तक सोचेंगे वह
क्यों लिया हमने ये पंगा
रखकर माथे पर हाथ
फूट फूटकर रोने वाला है

बलिदान शौर्य की धरती है भारत
दुशमन की छाती पर जाकर
तिरंगा लहराने वाला है