दोहे: कालीचरण नाग

भला बुरे का भेद तुम, क्यों करते हो यार।
मनुरंग से बना हुआ है, यह प्यारा संसार॥

यह प्यारा संसार है, जीवन का एक रंग।
मिट्टी में मिल जाना है, नहीं रहेगा संग॥

चल चलें उस राह मे, जहाँ मिले सम्मान।
अपनी कि यारी मिले, जो करे महान॥

मेहनत बिन धन नहीं, कर लो खूब विचार।
सच्चाई की राह बताकर, ‘नाग’ हुआ लाचार॥

कालीचरण नाग
कुड़ारी, सिवनी
मध्य प्रदेश