जननी संपूर्ण हो तुम: सुजाता प्रसाद

सुजाता प्रसाद
स्वतंत्र रचनाकार
शिक्षिका सनराइज एकेडमी
नई दिल्ली, भारत

धैर्य क्षिति सा संजोती
निष्ठा से भरी हुई नदी हो तुम
प्रज्ज्वलित दीपशिखा सी
आकाश सा हस्ताक्षर हो तुम

तुम प्राण दायिनी वायु
पंच तत्वों की ऊर्जा
जीवन संजीवनी हो तुम
जननी संपूर्ण हो तुम