चंद्रघंटा: सोनल ओमर

नवरात्रि के तीसरे दिन देवी
आप पूजी जाती हो।
घंटे सा अर्द्ध चंद्र मस्तक पर
चंद्रघंटा कहलाती हो।।

काया सोने-सी सुन्दर देह
बहुत चमकीला है।
लाल रंग में सजा माता का
रूप बड़ा सजीला है।।

खड्ग, अस्त्र-शस्त्र विभूषित
देवी के दस हाथ है।
दैत्य-राक्षस को सँहारती
सिंह भी तेरा साथ है।।

परम् कल्याणकारी है यह 
सौम्य स्वरूप देवी का।
चरणों में दो जगह स्वामिनी
मैं हूँ आपकी सेविका।।

सोनल ओमर
कानपुर, उत्तर प्रदेश