स्त्री हूँ मैं: आशा

आशा
सहायक प्राध्यापिका
गुरु नानक खालसा कालेज फाॅर विमेन,
लुधियाना, पंजाब

अलग-अलग किरदार निभाती हूँ मैं,
स्त्री हूँ ना… खुद को हद से ज्यादा किस्मत वाली मानती हूँ मैं

कभी बेटी बनकर बेपनाह प्यार और लाड पाती हूँ मैं
कभी बहू बनकर सब को प्यार बाँटना और इज्जत बाँटना जानती हूँ मैं
कभी माँ बनकर लाड और प्यार बाँटती हूँ मैं
कभी बंदूक लेकर देश की रक्षा का प्रण लेती हूँ मैं
कभी झाँसी की रानी, कल्पना चावला, किरण बेदी, मदर टैरेसा की तरह
सब कुछ न्यौछावर कर देश के लिए जीना जानती हूँ मैं

जी हाँ स्त्री हूँ मैं कभी प्यार बाँटना और पाना फितरत है मेरी
अलग-अलग किरदार निभाती हूँ मैं,
स्त्री हूँ ना… खुद को हद से ज्यादा किस्मत वाली मानती हूँ मैं