मैं मरने से नहीं डरती
डरती हूँ इस बात से कि
कौन मेरे जाने के बाद
बच्चों को लोरी सुनाएगा
उनकी छोटी-छोटी उपलब्धियों पर
कौन खुशी से फूला समायेगा
मैं मरने से नहीं डरती
डरती हूँ इस बात से कि
कौन मेरे जाने के बाद
भाइयों की सूनी कलाई सजायेगा
भाईदूज पर कौन उनको
प्यार का टीका लगाएगा
कौन होगा जो उनकी
सारी बलाएँ हरना चाहेगा
मैं मरने से नहीं डरती
डरती हूँ इस बात से कि
कौन मेरे जाने के बाद
पीहर के आँगन को सजायेगा
होली, दीवाली पर कौन
अपनी हसरतें पूरी करवायेगा
मैं मरने से नहीं डरती
डरती हूँ इस बात से कि
कौन मेरे जाने के बाद
प्रियतम के घर को सजायेगा
फूलों की इस बगिया को
महकायेगा जिसकी धड़कन हूँ मैं
क्या कोई वो धड़कन बन पायेगा
मैं मरने से नहीं डरती
-गरिमा राकेश गौतम
कोटा, राजस्थान