प्यारा भाई- प्रीति चतुर्वेदी

माँ का लाडला, पिता की आंखों का है तारा
बहनों का दुलारा
ऐसा है मेरा भाई प्यारा
जो है स्नेह से भरपूर
जिससे भागती है हर तकलीफें भी दूर
भाई जो करता है बहन को खूब तंग
जिसकी हरकते देख घर में होते है सब दंग
ऐसा है मेरा भाई प्यारा
जिसके अंदाज़ है सबसे निराला

प्यार से करता नहीं कोई बात
पर घुमाकर करता है बयां अपने अल्फ़ाज़
इसमें ही है वह अपनी बातों का सरताज
भाई जो है पिता का स्वरूप
जिसके जैसा न और कोई रूप
ऐसा है मेरा भाई प्यारा
जिसका अंदाज़ है सबसे निराला

भाई जो है हमारे घर की शान
जिसके बिना है घर वीरान
जो करता है पूरी बहन की रक्षा
जिसके पास नहीं है कोई भटकता
ऐसा है मेरा भाई प्यारा
जिसका अंदाज़ है सबसे निराला

अनुपम है भाई बहन का रिश्ता
जो आया है बनकर हमारे जीवन में फरिश्ता
ऐसा है भाई बहन का प्यार
जिसकी तुलना नहीं कर पाया है संसार
है वो मेरा भाई प्यारा
जिसका अंदाज़ है सबसे निराला

-प्रीति चतुर्वेदी
लुधियाना