साहित्य शक्ति- ज्योति अग्निहोत्री By लोकेश नशीने - July 1, 2020 WhatsAppFacebookTwitterTelegramCopy URL शक्ति सन्निहित है हृदय के भीतर क्या ढूंढते बाहर शक्ति का स्वरूप होती नारी फ़िर क्यों देते नकार शक्ति राष्ट्र है अखण्ड रहने को सदैव रहो उद्धत -ज्योति अग्निहोत्री ‘नित्या’ इटावा, उत्तर प्रदेश