शक्ति- ज्योति अग्निहोत्री

शक्ति
सन्निहित है
हृदय के भीतर
क्या ढूंढते
बाहर

शक्ति
का स्वरूप
होती नारी फ़िर
क्यों देते
नकार

शक्ति
राष्ट्र है
अखण्ड रहने को
सदैव रहो
उद्धत

-ज्योति अग्निहोत्री ‘नित्या’
इटावा, उत्तर प्रदेश