आईना शाण्डिल्य
पावों में बिछुवे सी,
जेठ मदिर, महुवे सी,
चन्दनिया अँगना बुहारे,
तेरी मेरी प्रीत कोे
रात चले घुँघरू सी,
महक उठे अगरू की,
हिया बीच दिया बारे,
तेरी मेरी प्रीत को
कोहबर की दुलहिन भी,
मनिहारिन कंगन भी,
चूड़ी खनकाये, जोड़े,
तेरी मेरी प्रीत को
अलकें बिखराईं सी,
पलकें शरमाईं सी,
नैन, नेह-पत्र लिखें,
तेरी मेरी प्रीत को