देश के है ये सच्चे रक्षक
कभी नहीं बनते है ये भक्षक
नाम है जिनका संरक्षक
विभिन्न नामों से पुकारते है लोग इन्हें
किसी के लिए प्रभु का भेजा दूत हैं
तो किसी के लिए उनका ही स्वरूप है
भगवान के समान है इनका दर्जा
नहीं है कोई और इनके जैसा
जान बचाना है इनका कर्म
जिसे बखूबी निभाते है समझ कर अपना धर्म
जिसके लिए नहीं रखते हैं ये कोई मर्म
देश के है ये सच्चे रक्षक
नाम है जिनका संरक्षक
आते है मरीज़ भांति-भांति के इनके पास
पर फिर भी सेवा करते है ये उनकी दिन रात
नहीं मानते है ये जाति-पाति के बंधन
करते है ये हमेशा इन अंधविश्वासों का खंडन
सुनकर डॉक्टर के मुंह से यह शब्द
कि चिंता की कोई बात नहीं
मन को सुकून सा मिल जाता है इन्हें
बेफिक्र हो जाते है पारिवारिक जन
क्योंकि सब छोड़ दिया जो डॉक्टर पर
देश के है ये सच्चे रक्षक
नाम है जिनका संरक्षक
हो जाए यदि कोई इनसे भूल
तो इन्हें सुनाने में नहीं होती लोगों से कोई चूक
पर फिर भी निभाते है ये अपना फर्ज़
नहीं रखते ये अपने पर किसी का कोई कर्ज़
जो है हमारे देश का कोहिनूर
जिनके मस्तक पर दमकता है नूर
देश के है ये सच्चे रक्षक
नाम है जिनका संरक्षक
अाई है भारत में ऐसी महामारी
जिससे सहमी है पूरी दुनियादारी
नाम है जिसका कोरोना
सुनकर इसका नाम आता है सभी को रोना
कर दिया डॉक्टरों ने खुद को इस बीमारी के नाम
करते हुए मरीजो की सेवा हो रहे है कुर्बान..
शिद्दत से कर रहे है डॉक्टर अपना काम
जिसमे भूल जाते है वो करना आराम…
आखिर ये मुश्किल घड़ी भी टल जाएगी
करे पालन कुछ नियमों का तो एक दिन खुशहाली जरूर आएगी
देश के है ये सच्चे रक्षक
नाम है जिनका संरक्षक
-प्रीति चतुर्वेदी