एक दिन उसने कहा
तुम कम हँसते हो
हँसा करो खुलकर
हँसते हुए सुंदर लगते हो
उसकी बात सुनकर
मैं हँस दिया
वह बोली
हाँ, इसी तरह हँसा करो
काश तुम
खुद को देख पाते
कभी मेरी आँख से
उसने मुझे
हँसते हुए देखा
और मैंने उसे
मेरी हँसी की चिंता करते देखा
-जसवीर त्यागी