कौन होता है दोस्त?
कैसा होता है दोस्त?
दोस्त तो वह
जो बिन बुलाए आये
बेवजह सर खाये
बिना बात हँसाये
सारी जेब ख़ाली कर जाये
पर हमेशा साथ निभाए
सुख हो, दुःख हो
हर पल साथ निभाए
कभी हँसाये कभी रुलाए
यूं तो हैं, यह कच्चा धागा
जिसे तोड़ न पाए कोई
ऐसी हैं यह मज़बूत जंजीर
दोस्ती किसी की जागीर नहीं
यह तो हैं, वह रिश्ता
जिसने, न देखा
जात- पात, अमीर- गरीब
बस दिल से है अपनाया
है वह प्यारा दोस्त
वक़्त और हालात
बदल जाते हैं
पर न बदले दोस्त
रूखे दिल को
प्रेम से नहला दे
ऐसा है दोस्त
-प्रीति वर्मा