कोरोना बनाम मेड इन चाइना मौत- नवेन्दु उन्मेष

धरती पर मरने वालों की संख्या देख कर यमराज बहुत चिंतित थे। उन्होंने अपने दूतों को बुलाया और आदेश दिया कि पता करो कि धरती पर अचानक इतनी मौतों का सिलसिला क्यों बढ़ गया है। आखिर इसके पीछे क्या कारण है। इसके बाद उनके दूत धरती पर आये। यहां वहां विचरण करने के बाद उनको पता चला कि धरती पर चाइना का माल बहुत बिक रहा है। भारत में स्वदेशी अपनाओं का आंदोलन चल रहा है। इसके बावजूद भी लोग स्वदेशी निर्मित सामानों का उपयोग
नहीं कर रहे हैं। यहां तक कि देवी- देवताओं की प्रतिमा भी मेड इन चाइना है। पर्व त्योहार में भी मेड इन चाइना सामानों की खरीदारी हो रही है। होली-दिवाली भी मेड इन चाइना माल से मनती है। पूरा बाजार चाइनीज सामानों से अटा पड़ा हुआ है। इसके बाद दूत धरती से वापस लौट गये। यमराज का दरबार सजा हुआ था। दरबार में दूतों का प्रवेश हुआ। यमराज ने एक दूत से पूछा- ‘तुम धरती पर गये थे।
कुछ पता चला कि आखिर मौतों की संख्या में अचानक वृद्धि का कारण क्या है।‘
दूत ने झट से कहा सरकार, ‘मौत भी अब मेड इन चाइना है। ‘ चाइना अब मौत का सामान भी बना रहा है। वह कोरोना वाइरस भेज रहा है। इससे धरती पर हर तरफ हाहाकार मचा हुआ है। चिकित्सा जगत भी कोरोना के मरीजों का इलाज करने में विफल साबित हो रहा है। यहीं कारण है कि धरती पर मरने वाले लोगों की संख्या में अचानक इजाफा हो गया है।
दूसरे दूत ने कहा सरकार, ‘चाइना के आसमान में लाल धुआं दिखाई पड़ रहा था। इससे जाहिर होता है कि वहां लोग मर रहे हैं और वह उनकी सामूहिक
अंत्येष्टि कर रहा है। इससे उठने वाला धुआं लाल होकर आसमान में जा रहा है। आने वाले दिनों यह भी खतरे की घंटी है। दूत ने आगे बताया कि जब एक बैंक में कुछ लोग मास्क लगाकर पहुंचे तो बैंककर्मी डर गये। उन्होंने सोचा लुटेरों का समूह आया है। पूछने पर उन्होंने बताया कि हमलोग बैंक के लुटेरे नहीं हैं बल्कि कोरोना की वजह से मास्क लगाकर घूम रहें हैं। यह सुनकर बैककर्मी बैंक छोड़कर भाग गये। उन्होंने सोचा हमारे बैंक में अब लुटेरे नहीं कोरोना पीड़ित ग्राहक आ रहे हैं। इससे देश की अर्थव्यवस्था पर भी खतरा मंडरा रहा है।‘
यमराज ने तुरंत चाइनिज सरकार से फोन पर बातचीत करने का मन बनाया। अपने पीए को कहा कि वह तत्काल चीनी सरकार को फोन लगाये। फोन की घंटी बजी लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया। यमराज ने कुछ घंटे बाद फिर से चीनी सरकार को फोन लगाने का आदेश दिया। फोन उठाया गया। दूसरी ओर से जो भाषा बोली गयी वह यमराज की समझ में नहीं आया। इसके लिए द्विभाषिया का जुगाड़ करने का आदेश दिया गया। एक द्विभाषिया आया। इसके बाद उससे चीनी भाषा में बातचीत हुई। चीनी सरकार ने कहा मौत मेरी वजह से नहीं अमेरिका की वजह से हो रही है। अमेरिका ने मौत पर भी हैवी टैक्स लगा दिया है। इस कारण हम मौत का समान दूसरे देशों को बेच रहे है। इसमें मेरी कोई गलती नहीं है। हमारा काम ही माल बनाना और बेचना है। अगर कोई कोरोना से मर रहा है तो इसमें हमारे देश की कोई गलती नहीं है। यह सुनकर यमराज और भी चिंतित हो गये। कहा यह कैसा देश है। यहां मृत बच्चों का भी डिस धड़ल्ले से बिकता है। सांप और छछुंदर भी आसानी से खाये जाते हैं। यह देश प्लास्टिक के चावल भी बनाकर अन्य देशों को बेचता है।
एक अन्य दूत ने यमराज को सलाह दी कि वे कोरोना से मरने वाले लोगों की अलग से सेल बनाये। इन्हें स्वर्ग या नरक में नहीं रखें नहीं तो जितने लोग भी
पूर्व में यहां आये हैं। वे सभी कोरोना से पीड़ित हो जायेंगे। ऐसा भी हो सकता है कि हमलोगों को भी कोरोना के वायरस का शिकार होना पड़े और यहां से भागना पड़ सकता है। इसके बाद यमराज ने आदेश दिया कि यहां भी कोरोना से पीड़ित लोगों की अलग से सेल बनायी जाये और उनकी निगरानी की जाये। ऐसे लोगों का स्वर्ग या नरम में प्रवेश वर्जित रहेगा। यहां तक कि यमराज ने अपने दूतों को आदेश दिया कि वे किसी भी परिस्थिति में चाइना का दौरा नहीं करें। अगर वे चाइना के दौरे पर जाये तो मेड इन चाइना का उपयोग नहीं करें।

-नवेन्दु उन्मेष
सीनियर पत्रकार,
दैनिक देशप्राण
रांची, झारखंड
संपर्क-9334966328