हम तुम एक कमरे में बंद हों और चाबी खो जाये- नवेन्दु उन्मेष

बॉबी फिल्म का एक गीत है ‘हम तुम एक कमरे में बंद हों और चाबी खो जाये, अंदर से न कोई बाहर जा सके और बाहर से न कोई अंदर आ सके।‘ इसका मतलब साफ है कि कोई भी प्रेमी-प्रेमिका अगर एक कमरे में बंद हो तो समाज की मुसीबत बढ़ जाती है। उन्हें कमरे से बाहर निकालने के लिए पूरा प्रशासन लग जाता है। मुसीबत तब और बढ़ जाती है जब चाबी भी खो जाये। लेकिन अब तो सरकार ने
प्रेमी-प्रेमिका सहित परिवार के सभी लोगों को घर के अंदर रहने का आदेश जारी कर दिया है। पूरा का पूरा शहर लॉकडाउन है। चौक-चौराहे पर खड़े पुलिस वाले जोर-जोर चिल्लाकर कह रहे हैं कि घर के अंदर बंद रहो। अगर बंद नहीं रहते हो तो तुम पर कानूनी कार्रवाई की जायेगी। यहां तक कि तुम्हें जेल भी
भेजा जा सकता है। अगर तुम घर में खुद को लाक नहीं रख सकते हो तो जेल में लॉक कर दिये जाओगे।
अभी जो समय चल रहा है उसमें अगर तुम पूरे परिवार सहित घर में लॉक हो जाओ तो कोई पूछने भी नहीं आयेगा कि अमुक व्यक्ति पूरे परिवार सहित कहां गायब हो गया। घर के अंदर से बच्चों तक की आवाज नहीं आ रही है। तब आप कह सकते हैं कि ‘दिन हैं बहार के तेरे मेरे इकरार के, दिल के सहारे आ जा प्यार करें। दुश्मन हैं प्यार के जब लाखो गम संसार के।‘ इससे जाहिर है कि जब पूरे विश्व में गम का माहौल है तो आप घर में लाक होकर अपने परिवार के साथ प्यार का इजहार कीजिए। तब आपसे कोई कुछ पूछने भी नहीं आयेगा कि आप प्यार का इजहार कर रहे हैं या विश्व में कोरोना से हुई मौत का गम मना रहे हैं।
बाबा बोतलदास ने मुझसे पूछा कि सुना है मुगल बादशाह शेरशाह के जमाने में घरों में ताले नहीं लगते थे। उन्होंने कभी शहर को लॉकडाउन भी नहीं किया।
मैंने उनसे कहा तब न कोरोना थी और न अलीगढ़ के ताले।
उन्होंने आगे कहा-लेकिन मुझे घर में बंद करने से पहले सरकार को पूछना तो चाहिए था कि हम घर में रहें या बाहर रहें। यहां तक कि कौन बनेगा करोड़पति
कार्यक्रम में भी अभिताभ बच्चन हाटसीट पर बैठे व्यक्ति से बार-बार पूछते हैं कि इस प्रश्न को लॉक किया जाये या नहीं। लेकिन यहां तो सरकार ने हमसे पूछना भी मुनासिब नहीं समझा और हमें सीधे लॉक कर दिया। घर में बंद होने के बाद कोई पूछने नहीं आ रहा है कि हाल कैसा है जनाब का।
सरकार कह रही है कि ’एक चतुर नार करके श्रृंगार मेरे मन के द्वार घुसत जात।‘ ऐसे में उस चतुर नार को घर के अंदर घुसने से रोकना तो होगा ही। नहीं तो लोगों की परेशानी बढ़ेगी। इसलिए शहर को लॉकडाउन कर दिया गया है। लोगों को घर में बंद होकर गाना चाहिए ‘मेरे घर में पधारो गजानन जी, घर
में पधारो।‘ अब तो गजानन के घर पर आने से ही उस चतुर नार से लोगों को मुक्ति मिलेगी।

-नवेन्दु उन्मेष
सीनियर प़त्रकार,
दैनिक देशप्राण,
रांची, झारखंड
संपर्क-9334966328