मैं और मोबाइल: गरिमा गौतम

ये मोबाइल मुझसे ज्यादा अच्छा लगता है
कभी-कभी मुझको मेरी सौत सा लगता हैं

मुझको तो ये मोबाइल मेरा दुश्मन लगता हैं
मुझसे ज्यादा तो ये उनके साथ रहता है

मुझसे ज्यादा तो ये उनके हाथों को छूता है
संग हमेशा उनके रहकर साथ चलता है

ये मोबाइल मुझसे ज्यादा अच्छा लगता है
मुझसे बात करने का समय नहीं होता है

फेसबुक पर चैटिंग करने का समय होता है
हाथ मे हो जब ये कुछ सुनाई नाम देता है
ये मोबाइल मुझसे ज्यादा अच्छा लगता है

घरवालों से बात करने का समय नहीं होता है
दोस्तो से बात करके मन नहीं भरता है
मेरे जज्बातों को ये तोड़ देता है
ये मोबाइल मुझसे ज्यादा अच्छा लगता है

गरिमा राकेश गौतम
कोटा, राजस्थान