सलोने श्याम: प्रीति कुमारी

सवाले सलोने रूप तिहारे,
नन्द यशोदा के हो दुलारे

राधा के तुम प्राण प्यारे,
गोकुल के ग्वाल तुम्हे सखा पुकारे

गोपियां तुम पर जान वारे,
माखन ले ले मुख लिपटावे

मीरा तोहे प्रिय प्राण पुकारे,
विरह में चूर आशा के दीप जलावे

कंस की चतुराई पड़ गई फीकी,
इन्द्र का अंह भाव सब मिटी

पड़ी गए सब तिहारी चरना,
ऐसी लीला गिरधर का कहना

कृष्ण, गिरधर, गोपाल जाने तिहारे कितनों नाम
गोकुल के तुम हो पालनहार

देवकी ने तोहे जन्म दियो,
यशोदा ने भरण पोषण कियो

भक्ति, नीति, प्रेम आप ही सिखायो,
गोवर्धन पूजन का पाठ पढ़ाया

सोहत तोहे पीत पट श्याम,
घर घर पधारो सलोने श्याम

धन्य धन्य हो जाई जन मानस,
स्पर्श कर चरणधूलि तिहार

प्रीति कुमारी