एक देश-एक बिजली, टैरिफ अनेक क्यों: विवेक रंजन श्रीवास्तव

विवेक रंजन श्रीवास्तव
सेवानिवृत मुख्य अभियंता
भोपाल

इन दिनों बिजली चुनाव जीतने का एक हथियार बना दिया गया है। अब एक देश एक बिजली को सिद्धांत बनाने की जरूरत हो गई है। वैसे भी नेशनल ग्रिड से कहां उत्पादित बिजली देश के किस कोने में उपयोग होती है, अब कोई नहीं जानता।

हर राज्य में अलग बिजली दरों पर तुरंत रोक लगे। सब्सिडी और अलग अलग उपयोग हेतु अलग टैरिफ बंद हो, क्योंकि अलग टैरिफ तब की बातें थी जब बिजली आवश्यकता से कम पैदा हो सकती थी, अब तो बिजली उत्पादन सरप्लस है।

अतः बिजली को भी बाजार की अन्य वस्तुओं की तरह ही स्वतंत्र या न्यूनतम सरकारी हस्तक्षेप के साथ उपलब्ध किए जाने का वक्त आ चुका है। अंततोगत्वा बिजली के उपयोग से उत्पादित वस्तुओ की कीमतें तो बाजार स्वयं तय कर ही रहा है, अतः बिजली दर के प्रभाव भी उसमे समाहित हो ही जाएंगे।