व्यायाम और उसका महत्व- रामसेवक वर्मा

ज्यादातर लोगों का यही सोचना है कि हम जितना अच्छा आहार लेंगे, हमारा स्वास्थ्य उतना ही अच्छा होगा। बात भी सत्य है लेकिन मनुष्य यदि शरीर को चलायमान रखने वाले कामों से विरत रहा तो वह निश्चित ही अनेक जटिल बीमारियों का शिकार हो जाता है। इस लिए मनुष्य के जीवन मे व्यायाम अथवा योग बहुत महत्त्वपूर्ण है।
पैंतीस वर्ष की अवस्था के बाद एक समय ऐसा आता है कि जब मनुष्य के शरीर पर उसके खानपन का गलत असर बढ़ने लगता है।ऐसी परिस्थिति में उसके द्वारा चुना गया गलत भोजन भी अक्सर उसे नुकसान पहुंचाता है।थोड़ा गौर करें तो पाएंगे कि ढलती उम्र में मीठी वस्तुएं अधिक खाने से मनुष्य को शुगर की बीमारी होने की शंका रहती है, जबकि अधिक वसा युक्त वस्तुएं खाने से शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ती है जो अनेक जटिल बीमारियों का जनक बन जाता है।ऐसे में व्यायाम ही एक ऐसा उपाय है जो शरीर को सुंदर बनाए रखने में सहायक हैऔर अनेक गंभीर बीमारियों से छुटकारा भी दिलाता है। यही नहीं अगर हम अच्छे खान-पान के साथ-साथ व्यायाम को भी महत्व दें तो शरीर तमाम बीमारियों से तो खुद ही निपट लेता है।
मानव शरीर में रक्त का संचार दुरुस्त रखने के लिए नियमित व्यायाम आवश्यक है। इससे शरीर की कार्य क्षमता बढ़ जाती है और उसमें एक नई स्फूर्ति का संचार होता है जिससे शरीर सुढृढ और क्रियाशील बना रहता। इतना ही नहीं, व्यायाम से मानसिक और शारीरिक संवेग बढ़ जाता है जो व्यक्ति को सुख और शक्ति प्रदान करता है। सुबह शौच के बाद टहलना, हॉकी,फुटबॉल और वॉलीबॉल खेलना, आसन करना(योग), दौड़ लगाना आदि सभी व्यायाम ही तो हैं, जबकि महिलाओं के अनेक घरेलू काम (चक्की पीसना,बर्तन मांजना, कपड़े धोना) ऐसे होते हैं जिनसे उनका व्यायाम स्वत: हो जाता है।
व्यायाम के लिए क्या सावधानियां अपनानी हैं, इस बारे में यह जानना आवश्यक है कि नियमित रूप से व्यायाम करना चाहिए चाहे थोड़े समय ही किया जाए। उसे बीच-बीच में छोड़ने से शरीर में आलस व सुस्ती आने लगती है। व्यायाम सदैव खुले, हवादार और स्वच्छ स्थान पर करना चाहिए, जिससे शरीर को शुद्ध वायु द्वारा पर्याप्त ऑक्सीजन मिल सके। स्नान व भोजन से पूर्व व्यायाम करना अधिक लाभदायक होता है लेकिन वह उतना ही किया जाए जिससे शरीर में थकावट का अनुभव न हो । शुरुआत में सरल व्यायाम करें, फिर धीरे-धीरे कठिन व्यायाम की ओर बढ़े। वृद्ध, बच्चों और रोगियों को व्यायाम से बचना चाहिए।

-रामसेवक वर्मा
विवेकानंद नगर, पुखरायां,
कानपुर देहात, उत्तरप्रदेश