डीईओ कार्यालय बना भ्रष्टाचार का अड्डा: साल भर से बाबूगिरी कर रहे हैं चहेते प्राचार्य

मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया की विश्वव्यापी आपदा कोरोना महामारी से लगभग 20 माह बाद स्थितियों के सामान्य होने पर प्रदेश के सभी विद्यालय सामान स्थिति में खोलने के साथ ही विद्यालय में पढ़ाई कराये जाने के निर्देश हैं। इसके साथ ही प्रारंभिक तौर पर माह फरवरी 2022 में बोर्ड परीक्षाओं की भी समय सारणी जारी कर दी गई है, अल्प समय में परीक्षा की तैयारी के लिए सभी शिक्षकों को विद्यार्थियों का परीक्षा परिणाम सुधारने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

किन्तु उक्त निर्देशों के विपरित जिले के कुछ प्राचार्य जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय जबलपुर में विगत पिछले एक वर्ष से बाबूगीरी का कार्य करते हुए डीईओ की दलाली करने में लगे हुए हैं, यह प्राचार्य कार्यालय के सभी महत्वपूर्ण कार्यो जैसे स्थानांतरण, अशासकीय विद्यालयों की मान्यता के निरीक्षण, शिक्षकों की क्रमोन्नति, समयमान वेतनमान, अनुकम्पा नियुक्तियां, परीक्षा आदि के महत्वपूर्ण कार्यों को अपने हाथों में लिए हुए हैं और डीईओ कार्यालय को भ्रष्टाचार का अड्डा बना रखे हैं।

जहां इनको चढ़ोत्तरी चढाये बिना जिला शिक्षा अधिकारी जबलपुर से सीधे कोई कार्य काराया जाना संभव नहीं है तथा इन प्राचार्यों द्वारा अपना फर्जी मुख्यालय विद्यालय के नजदीक दर्शाकर जबलपुर में ही निवासरत कर हैं। इनके विद्यालय एवं मुख्यालय की पुष्टि मोबाईल लोकेशन से की जा सकती है। संघ द्वारा प्राचार्यो की दलाली, बाबूगीरी की शिकायत का एक पुलिन्दा जबलपुर कलेक्टर के नाम से मणेन्द्र सिंह एसडीएम जबलपुर को सौंपकर अनुरोध किया गया है कि दलाल प्राचार्यों को बाबूगीरी से मुक्त कराकर छात्रों के हित में मूल संस्था में कार्य करने के सख्त आदेश जारी किये जायें।

इस अवसर पर संघ के मिर्जा मंसूर बेग, सुधीर खरे, यूएस करोसिया, एआई मंसूरी, तपन मोदी, विवेक भट्ट, गोविन्द विल्थरे, एसके बांदिल, रजनीश तिवारी, डीडी गुप्ता, डीके नेमा, पवन श्रीवास्तव, चन्द जाउलकर, उमेश पारिख, बिटू आहलूवालिया, योगेश जाटव आदि उपस्थित रहे।