भ्रष्टाचारियों पर शिक्षा विभाग का दोहरा मापदण्ड: अधिकारियों की मजा, कर्मचारियों को सजा

मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि अक्टूबर माह में लोकायुक्त जबलपुर द्वारा शिक्षा विभाग के संयुक्त संचालक शिक्षा राममोहन तिवारी तथा ठाकुर प्रसाद पटैल बीआरसी जबलपुर ग्रामीण को रिश्वत लेते ट्रैप किया गया तथा भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा-7 एवं 13 (1) डी,13(2) के तहत् प्रकरण पंजीबद्ध कर गिरफ्तार किया जाकर मौके पर ही जमानत पर छोड़ा गया है।

शिक्षा विभाग में हुए इस दोहरे भ्रष्टाचार उजागर होने वाले कांड से सारा विभाग भौंचक्का रह गया। इस दोहरे ट्रैप कांड के बाद विभाग का दोहरा चरित्र सामने आया है। जिसमें जहां पहले ट्रैप हुए संयुक्त संचालक पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं हु,  इनके द्वारा आज भी अपने कार्यालय के अधीनस्थ कर्मचारियों पर दबाव बनाकर अपने पक्ष में अपने ईमानदार होने का शपथ लेकर लोकायुक्त की कार्यवाही को गलत साबित करने का प्रयास किया जा रहा है।

वहीं दूसरा कांड बीआरसी जो बाद में ट्रैप हुए उन्हें आनन-फानन में प्रतिनियुक्ति समाप्त कर पद से हटा दिया गया, ताकि वह जांच को प्रभावित न कर सकें। विभाग का यह दोहरा मापदण्ड भ्रष्टाचार को बढावा दे रहा है।

संघ के योगेन्द्र दुबे, अर्वेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, मंसूर बेग, मुकेश सिंह, आलोक अग्निहोत्री, दुर्गेश पाण्डे, चन्दु जाउलकर, गोविन्द विल्थरे, रजनीश तिवारी, डीडी गुप्ता, पवन श्रीवास्तव, संदीप नन्दा, सुधीर पण्डा, विपिन शर्मा आदि स्कूल शिक्षा मंत्री मप्र शासन भोपाल एवं लोकायुक्त मप्र को ईमेल के माध्यम से पत्र भेजकर भ्रष्टाचार में लिप्त 18 वर्षों से जमें प्रभारी संयुक्त संचालक लोक शिक्षण जबलपुर के तत्काल निलंबन की मांग की है।