स्वास्थ्य बीमा योजना से वंचित हैं एमपी के लोक सेवक, मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन

स्वास्थ्य बीमा योजना से वंचित मध्य प्रदेश के लोक सेवकों के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना लागू किए जाने सहित राज्य के कर्मचारियों को 7वें वेतनमान के अनुसार केन्द्रीय कर्मचारियों की भाँति गृहभाड़ा भत्ता, यात्रा भत्ता एवं अन्य भत्ते तथा सुविधायें दिए जाने की मांग मप्र अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त महामोर्चा ने की है।

मप्र अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त महामोर्चा के जिलाध्यक्ष मनोज सेन ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम आयुक्त राजस्व जबलपुर के माध्यम से क्लेमेंट मार्टिन अधीक्षक को राज्य कर्मचारियों की विभिन्न मांगों के निराकरण के संबंध में ज्ञापन दिया गया। मध्यप्रदेश के लिपिक संवर्ग कर्मचारियों की वेतन विसंगति की मांग विगत कई वर्षो से लम्बित है। रमेश चन्द्र शर्मा कमेटी की अनुशंसायें लागू कर लिपिकों की वर्षों से चली आ रही वेतन विसंगति की मांग को शीघ्र पूरा जावे, कर्मचारियों एवं पेंशनरों के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना शीघ्र लागू की जावें, एनपीएस योजना बन्द करके 2005 की स्थिति में पुरानी पेशन योजना लागू की जावें, स्वास्थ्य विभाग के बहुउदेदीशीय कार्यकर्ताओं संवर्ग को समयमान वेतनमान 2400 से बढ़ाकर 2800 व द्वितीय वेतनमान 2800 से 3600 तथा 3200 से बढ़ाकर 4200 किया जाये, केन्द्रीय कर्मचारियों की तर्ज पर अवकाश यात्रा सुविधा दी जावे, महालेखाकार मप्र ग्वालियर द्वारा जारी लेखा पर्ची में कर्मचारियों के कई माहों का गुमशुदा कटौत्रा दर्शाया गया है उसका सुधार कर संशोधित लेखा पर्ची जारी कराई जावे, राज्य के पेंशनरों को भी कर्मचारियों की भांति 42 प्रतिशत महंगाई भत्ता दिया जावें।

इस दौरान अवेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, मुकेश सिंह, मनोज सेन , आलोक अग्निहोत्री, विनय नामदेव, बृजेश मिश्रा, दुर्गेश पाण्डे, प्रियांशु शुक्ला, पवन ताम्रकार, महेश कोरी, घनश्याम पटेल, गोपाल नेमा, अमित विश्वकर्मा, प्रेम मरावी, अंकुर गहलोत, सतीश, शरद, श्यामसुंदर तिवारी, हरिसिंह राजपूत, कृष्णकांत यादव, योगेश कपूर, पंकज जायसवाल, रामकृष्ण तिवारी, अमित गौतम आदि उपस्थित रहे।