एमपी में लोक सेवकों की वरिष्ठता सूची में भारी गोलमाल, चहेतों को नियम विरुद्ध दिया जा रहा लाभ

मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षक संवर्ग के लोक सेवकों को उच्च पद पदांकन हेतु, वरिष्ठता सूचियां जारी की गई हैं। इसी क्रम में सहायक शिक्षक एवं सहायक शिक्षक विज्ञान संवर्ग की त्रुटिपूर्ण वरिष्ठता सूचीयां जारी की गई है, उक्त वरिष्ठता सूची में सहायक शिक्षकों का स्नातक विषय अंकित नहीं किया गया है, विषय के आधार पर ही उच्च पद शिक्षक संवर्ग पर पदांकन किया जाना है, जो विषयमान से ही किया किया जा सकता है। जिन शिक्षकों की सहायक शिक्षक संवर्ग पर सीधी भर्ती के तहत नियुक्ति हुई हैं, उन्हें नियम विरूद्ध तरीके से जानबूझकर सहायक शिक्षक विज्ञान संवर्ग की वरिष्ठता सूची में शामिल कर लाभ देने का प्रयास किया जा रहा है। 

मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने योगेंद्र दुबे ने बताया कि प्रथम नियुक्ति के समय धारित पद को किसी भी स्तर से परिवर्तित नहीं किया जा सकता है. इसके बाद भी प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा अपनी मनमाने स्वेच्छाचारिता के चलते सहायक शिक्षकों को जानबूझकर सहायक शिक्षक विज्ञान की वरिष्ठता सूची में शामिल कर पदोन्नत किया जा रहा है। सहायक शिक्षक सवंर्ग की वरिष्ठता सूची के स.क्र. 308 पर अंकित है तथा उक्त सहायक शिक्षक का नाम सहायक शिक्षक विज्ञान की वरिष्ठता सूची के स.क्र. 1 पर भी अंकित है, इस प्रकार एक व्यक्ति को दोहरा लाभ दिया जा रहा है।

संघ के योगेन्द्र दुबे, अर्वेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, अटल उपाध्याय, मुकेश सिंह, मंसूर बेग, संजय उपाध्याय, आलोक अग्निहोत्री, दुर्गेश पाण्डे, बृजेश मिश्रा, वीरेन्द्र चन्देल, एसपी वाथरे, चूरामन गुर्जर, वीरेन्द्र तिवारी, धनश्याम पटेल, रमेश उपाध्याय, प्रशांत श्रीवास्तव, शाहिल सिद्दीकी, गोविन्द विलथेर, रजनीश तिवारी, डीडी गुप्ता, विवेक तिवारी, राकेश राव, सत्येन्द्र ठाकुर आदि ने प्रदेश के शिक्षा मंत्री से ईमेल भेजकर मांग की है कि त्रुटिपूर्ण अंतिम वरिष्ठता सूचियां निरस्त कराते हुए सही वरिष्ठता सूचियां जारी कराई जायें तथा नियम विरूद्ध वरिष्ठता सूची जारी करने वाले प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावे।