एमपी में जिला शिक्षा अधिकारी की उदासीनता के कारण अध्यापक उठा रहे आर्थिक नुकसान

मप्र अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त महामोर्चा के प्रदेश संरक्षक योगेन्द्र दुबे एवं जिला अध्यक्ष मनोज सेन ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि शासन के नियमानुसार शिक्षकों को 12 वर्ष की सेवाओं के बाद प्रथम क्रमोन्नति तथा 24 वर्ष की सेवा के बाद द्वितीय क्रमोन्नति प्राप्त होती है, परन्तु द्विअर्थी आदेशों के कारण जिला शिक्षा अधिकारी क्रमोन्नति सूची जारी करने से बच रहे हैं।

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जिसके कारण 1 जुलाई 2018 को या उसके बाद अध्यापक संवर्ग के शिक्षकों को 12 वर्ष पूरा होने के बाद भी आज तक क्रमोन्नति प्राप्त नहीं हो सकी है। ठीक इसी तरह जिला शिक्षा अधिकारी की उदासीनता के कारण 1998 में नियुक्त अध्यापक संवर्ग के द्वितीय क्रमोन्नति के प्रस्ताव भी आज तक संकुल प्राचार्यों से नहीं मांगे, जिससे अध्यापक संवर्ग को आर्थिक नुकसान हो रहा है।

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संघ के योगेन्द्र दुबे, मनोज सेन, सुनील राय, मनीष चौबे, हर्षमनोज दुबे, श्यामसुन्दर तिवारी, हरिसिंह राजपूत, संजय पाण्डेय, अरविन्द तिवारी, अवधेश यादव, प्रदीप सेन, विनय नामदेव, कृष्णकान्त यादव, नितिन शर्मा, प्रियांशु शुक्ला, पवन ताम्रकार, सुरेन्द्र झारिया, धीरेन्द्र सोनी, मो. तारिक, कृष्ण कुमार प्रजापति आदि ने इस विषय में प्रदेश के शिक्षा मंत्री द्वारा हस्तक्षेप करने की मांग की है।