किसानों की मांग मंडियों में MSP से नीचे प्रारंभ न हो उत्पाद की खरीदी, SMS से नहीं मिलते सही बिजली बिल

जबलपुर जिले के किसानों ने मासिक बैठक में कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन को मांग पत्र सौंपते हुए एक स्वर में पुरजोर मांग की है कि नर्मदापुरम एवं शाजापुर जिला प्रशासन द्वारा जारी आदेश की भांति जबलपुर में भी इस संबंध के आदेश तुरंत जारी किए जाएं कि मंडियों में किसानों के उत्पाद की खरीद की बोली समर्थन मूल्य से नीचे प्रारंभ न हो। मंडी अधिनियम धारा 36 (3) का सख्ती से पालन कराया जाए। कलेक्टर ने शासन से दिशा निर्देश प्राप्त कर, आदेश जारी करने किसानों को आश्वस्त किया है।

इसके अलावा जबलपुर मंडी में धर्मकांटे में तौल हुए उत्पाद पर खरीद करने वाले व्यापारियों द्वारा पुनः प्रति क्विंटल आधा किलो की कटौती तथा 10 रुपए प्रति क्विंटल की अतिरिक्त पल्लेदारी लिए जाने की समस्या पर 3 दिन के अंदर, मंडी में किसान प्रतिनिधियों की बैठक कर प्रस्ताव प्रस्तुत करने मंडी सचिव को कलेक्टर ने निर्देश दिए। सिहोरा मंडी की समस्यायों के हल न होने पर कलेक्टर ने सख्त निर्देश देते हुए स्वयं मंडी का निरीक्षण किसान प्रतिनिधियों की उपस्थिति में करने का निर्णय लिया। शीघ्र ही उनका दौरा निश्चित जाएगा।

विद्युत कंपनी के अधीक्षण यंत्री को कलेक्टर द्वारा निर्देशित किया गया है कि जिले में सर्वे करा कर ओवर लोडेड ट्रांसफार्मर की सूची जारी कर, उनके बदलने तथा झूली हुई, क्षतिग्रस्त लाइनों की मरम्मत तुरंत करा कर अगली बैठक में परिपालन विवरण प्रस्तुत किया जाए। किसानों ने बताया की विद्युत कंपनी द्वारा बढ़े हुए बिल जारी कर दिए गए हैं, कलेक्टर ने किसानों को सलाह दी की वे कार्यपालन यंत्रियों के कार्यालय में सुधार हेतु आपत्तियां आवेदन देवें, 181 पर भी शिकायत दर्ज कराएं और जब तक सुधार न हो जाए बिल जमा ना करें। एसएमएस से बिजली बिल सभी को नहीं मिल पाते, बिल की हार्ड कापी उपलब्ध कराने के आदेश दिए गए। कुण्डम में नियमित विद्युत आपूर्ति न होने पर, सुधार के सख्त निर्देश दिए गए।  

नहरों के मरम्मत कार्यों तथा खेत पहुंच मार्गों की मरम्मत की समीक्षा करते कलेक्टर ने शीघ्र कार्य पूर्ण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने दिशा निर्देश दिए। गर्मी की फसलों के लिए सिंचाई हेतु पानी देने के यद्यपि प्रावधान नहीं है, फिर भी सर्वे के आधार पर जहां मांग अधिक है, वहां पानी छोड़ने हेतु बैठक में विभागीय सहमति के बाद पानी देने का निर्णय लिया गया।

बैठक में डीएमओ द्वारा जानकारी दी गई की आगामी गेहूं के उपार्जन हेतु जिले में 130 केंद्र प्रस्तावित किए गए हैं। जिसमे 80 स्थापित हो चुके है, शेष 50 केंद्रों की स्वीकृति शासन से प्राप्त होनी है। अबकी बार सभी केंद्रों में दिशा निर्देशों के बोर्ड , बैनर तथा किसानों से सुगम एवं सुलभ खरीद की जा सके, यह सुनिश्चित किया जाएगा।

जिले में वर्तमान में 11 हजार टन यूरिया, 5.50 हजार टन डीएपी, 1 हजार टन एनपी तथा पर्याप्त मात्रा में सुपर फास्फेट उपलब्ध है। किसानों को सलाह दी गई है कि वे आवश्यक खाद की खरीद कर लेवें। डिजिटल से प्राप्त खसरों की नकल में नाम, गांव एवं अन्य विसंगतियों व खामियों को दूर करने एसएलआर के साथ बैठक कर सुधार करवाने का निर्णय लिया गया।

बैठक में सभी विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों सहित भारत कृषक समाज से केके अग्रवाल, रामगोपाल पटेल, अविनाश राय, रामकिशन पटेल, सुशील जैन, किसान सेवा सेना से डॉ ब्रजेश अरजरिया, आरएम पटेल, अशोक साहू, जितेंद्र पटेल, भारतीय किसान संघ से दामोदर पटेल, मोहन तिवारी, सुनील पटेल आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन उपसंचालक कृषि रवि आम्रवंशी ने किया।