एमपी सरकार की अनदेखी के बाद बिजली कर्मियों का जेल भरो आंदोलन और अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन तय

मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने जारी विज्ञप्ति में कहा है कि 2 अक्टूबर 2022 से बिजली कर्मचारियों की तीन मांगों आउटसोर्स कर्मी व  मीटर रीडर आदि का बिजली विभाग में संविलियन कर मानव संसाधन नीति बनाई जाए, भारतीय जनता पार्टी के चुनावी संकल्प पत्र के अनुसार संविदा अधिकारियों एवं कर्मचारियों का नियमितीकरण किया जावे तथा नियमित कर्मचारियों का रोका गया फ्रिंज बेनिफिट दिया जाए, को लेकर मध्य प्रदेश राज्य विद्युत मंडल की उत्तरवर्ती कंपनियों के प्रबंधन, मध्यप्रदेश शासन, प्रशासनिक अधिकारियों एवं पक्ष-विपक्ष के सांसद, मंत्री, विधायकों को 29 सितंबर 2022 को नोटिस दिया गया। इसके साथ ही ज्ञापन पत्र देकर अवगत कराया गया है कि संघ द्वारा बिजली कर्मचारियों की तीन मांगों से लिए चलाए गए ध्यानाकर्षण आंदोलन के सात चरण 31 दिसंबर 2022 को समाप्त हो गए हैं।

हरेंद्र श्रीवास्तव ने तकनीकी कर्मचारी संघ को समर्थन देने वाले संगठनों के पदाधिकारियों से कहा है कि पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 6 जनवरी 2023 को जेल भरो आंदोलन का शंखनाद किया जावेगा और 7 जनवरी 2023 से अधीक्षण यंत्री कार्यालयों के समक्ष पंडाल लगाकर अनिश्चितकालीन धरना दिया जाएगा। संघ के प्रांतीय अध्यक्ष शंभू नाथ सिंह, मोहन दुबे, राजकुमार सैनी, अजय कश्यप, व्हीकेएस परिहार, अरुण ठाकुर, अरुण मालवीय, मनोज भार्गव, राहुल मालवीय, सुरेंद्र मेश्राम, शिव राजपूत, इंद्रपाल सिंह, लखन सिंह राजपूत, विनोद दास, राजेश शरण, पुरुषोत्तम पटेल, जगदीश मेहरा, हेमन्त, सागर पटेल, प्रीतम सेन, शीतल चौधरी, सावन सिंह पटेल, संजीव अहिरवार, तेजपाल सिंह तोमर, राहुल सिंह परिहार ने सभी बिजली कर्मियों से आंदोलन में शामिल होने की अपील की है।