एमपी के विद्यालयों में खाली पड़े हैं योग शिक्षक के पद, महज औपचारिकता बना योग दिवस

मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि लोगों को शाररिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ रखने के लिए योग करने और कराने की सलाह दी जा रही है। वहीं प्रदेश के विद्यालयों में योग शिक्षक के पद रिक्त पड़े हैं। स्वामी विवेकानंद की जयंती युवा दिवस के रूप में मनाई जाती है तथा प्रदेश के सभी विद्यालय में सामूहिक सूर्यनमस्कार का आयोजन किया जाता है।

इस आयोजन के पूर्व विद्यालय में शिक्षकों एवं विद्यार्थियों द्वारा योग का पूर्वा अभ्यास महिनों पूर्व से किया जाता है, किन्तु शालाओं में प्रशिक्षित योग शिक्षक न होने से विद्यार्थियों को सही योग का अभ्यास नहीं हो पाता है। शालाओं में नियमित योग प्रभारी होने से शालाओं में प्रति दिन योग का कालखण्ड लगाकर बच्चों में योग के प्रति जागरूक तथा शाररिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ रखने में सहायक हो सकता है। शासन द्वारा एक दिन योग दिवस मनाकर केवल खाना पूर्ति की जाती है, जमीनी स्तर पर योग शिक्षक न होने से इसका लाभ बच्चों को नहीं मिल पाता है।

संघ अर्वेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, अटल उपाध्याय, नरेन्द्र दुबे, आलोक अग्निहोत्री, मुकेश सिंह, मिर्जा मंसूर बेग, आशुतोष तिवारी, बृजेश मिश्रा, प्रशांत शुक्ला, सुरेन्द्र जैन, दुर्गेश पाण्डे, श्यामनारायण तिवारी, मनोज सेन, मो. तारिक, धीरेन्द्र सोनी, संतोष तिवारी, महेश कोरी, नितिन शर्मा, प्रियांशु शुक्ला, विनय नामदेव आदि ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि प्रदेश के सभी विद्यालय में प्रशिक्षित योग शिक्षकों की नियुक्ति की जाये।