एमपी की बिजली कंपनियों का निजीकरण, आउटसोर्स और संविदा कर्मियों की मांग हो सबसे ऊपर

मध्य प्रदेश बिजली आउटसोर्स कर्मचारी संगठन के प्रांतीय संयोजक मनोज भार्गव ने कहा है कि हम बिजली कंपनियों के निजीकरण का विरोध करेंगे, लेकिन तभी जब बिजली आउटसोर्स व संविदा कर्मियों के नियमतिकरण और संविलियन की मांग सबसे ऊपर रखी जायेगी।

मनोज भार्गव ने कहा कि यदि ऐसा नहीं होगा तो हम मिक्स खिचड़ी में शामिल होने के बजाय स्वयं निजीकरण विरोधी आंदोलन चलायेंगे। उन्होंने कहा कि हम सभी बिजली कर्मचारी दीपावली एवं देवउठनी एकादशी के उपरांत बिजली कंपनियों के निजीकरण की नीति का विरोध करेंगे।

मनोज भार्गव ने कहा कि निजीकरण का पहला शिकार बिजली आउटसोर्स कर्मी है, इसलिये पहली लड़ाई उसी की लड़ी जानी चाहिये। उन्होंने कहा कि दीपावली के बाद इस सबंध में जन जागरण अभियान समूचे मध्य प्रदेश में चलाया जायेगा और संविदा व आउटसोर्स कर्मियों को यह बताया जायेगा कि पिछले 14 साल सभी बिजली कर्मचारी संगठन उनके मामले में क्यों चुप रहे?

उन्होंने कहा कि कर्मचारी संगठन आउटसोर्स कर्मियों के प्रति इतने वफादार होते तो आज बिजली आउटसोर्स कर्मियों की यह दुर्गति नहीं होती, पर यह बाकी कर्मचारी संगठन चुप व मौन रहे। लेकिन आज इन्हें आउटसोर्स एवं संविदा कर्मियों की याद इसलिये आ रही है, क्योंकि उनका अस्तित्व खतरे में है।