दक्षिण-पश्चिम मॉनसून आज 24 मई को केरल में दस्तक दे चुका है, जबकि इसकी सामान्य तिथि 1 जून है। मॉनसून का सिस्टम सक्रिय होने से पूर्व-मध्य अरब सागर और उससे सटे दक्षिण कोंकण तट पर दबाव बना हुआ है। इसके लगभग पूर्व की ओर बढ़ने और दक्षिण तटीय महाराष्ट्र को पार करने की संभावना है।
भारत मौसम विभाग (IMD) ने बताया कि पश्चिमी तट केरल, कर्नाटक, तटीय महाराष्ट्र और गोवा में अगले 7 दिनों के दौरान भारी से बहुत भारी वर्षा जारी रहने की संभावना है, केरल में 24 से 26 मई के दौरान, तटीय महाराष्ट्र और गोवा और मध्य महाराष्ट्र में 24 मई को, कर्नाटक के तटीय और घाट क्षेत्र में 24-27 मई के दौरान, तमिलनाडु के घाट क्षेत्र में 25 और 26 मई को अत्यंत भारी वर्षा की संभावना है।
भारत मौसम विभाग के अनुसार 4 जून तक मॉनसून मध्य और पूर्वी भारत में प्रवेश करेगा। मॉनसून 16 साल में पहली बार इतनी जल्दी आया है।
भारतीय मौसम विभाग ने बताया कि सामान्यतः मानसून 1 जून को केरल पहुंचता है। 8 जुलाई तक पूरे देश में मॉनसून सक्रिय हो जाता है, इसके बाद 17 सितंबर के आसपास वापस लौटना शुरू करता है और 15 अक्टूबर तक पूरी तरह से वापस चला जाता है। लेकिन इस बार मानसून ने रिकॉर्ड तोड़ दिया। 16 साल बाद मानसून इतनी जल्दी आया है। पिछले साल 2024 में मानसून 30 मई को केरल पहुंचा था।
इससे पहले 2009 में 23 मई को मानसून ने केरल में दस्तक दी थी। अगर और पुराने आँकड़ें देखें तो 2001 में भी मॉनसून 23 मई को केरल पहुंचा था। 1918 में केरल में 11 मई को ही मानसून ने दस्तक दे दी थी। 25 वर्षों में सबसे अधिक देरी से मानसून का आगमन 2016 में हुआ था, तब मॉनसून ने 9 जून को केरल में प्रवेश किया था।