अलग ये बात है चर्चा नहीं था
मगर महलों में क्या होता नहीं था
अमीरों के सुने किस्से बहुत से
हक़ीक़त में कोई वैसा नहीं था
मुझे सच ही कहा दुनिया ने अँधा
निग़ाहों पर मेरी पर्दा नहीं था
अजब दस्तूर था तेरे नगर का
किसी चेहरे पे भी चेहरा नहीं था
कहानी का हुआ अंजाम, जैसा
ख़ुदारा इस तरह सोचा नहीं था
-बलजीत सिंह बेनाम
सम्पर्क- 9996266210