मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि कोरोना योद्धा लगभग दो वर्षों से कोरोना काल में अपने परिवार से दूर रहकर अपने कर्तव्य व दायित्वों को बखूबी निर्वाहन कर रहे है। शासन द्वारा कोरोना योद्धाओं के लिए लगभग दो वर्षों से कोई स्थानांतरण नीति घोषित न होने के कारण उन्हें भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
स्वास्थ्य विभागान्तर्गत स्टाफ नर्स, लैब टेक्नीशियन, लैब असिस्टेंट, एएनएम, एमपीडब्ल्यू, वार्ड बॉय एवं लिपिक संवर्ग के लिए वर्षों से कोई स्थानांतरण नीति नहीं बनने से काफी आर्थिक व मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कोरोना संक्रमण के चलते परिवार से दूर रह कर कोरोना योद्धा अपने कर्तव्य व दायित्व का बखूबी पालन कर रहे हैं। स्थानांतरण नीति न होने के कारण गंभीर बीमारी से ग्रसित कर्मचारी के आवेदन भी कार्यालय में बेकार पड़े हुए है क्योंकि उनके बारे में कोई नीतिगत फैसला नहीं लिया जा रहा है।
कोरोना योद्धा शासन की उदासीनता व हिटलरशाही के चलते बेबस एवं मजबूर हैं व शासन की ओर टकटकी लगाकर अपनी स्थानांतरण नीति के लिए बाटजोह रहे हैं। शासन द्वारा विभाग में रिक्त पड़े पदों को समाप्त किया जा रहा है, जिसके कारण रिक्त पदों की जानकारी भी नहीं मिल पा रही है। कोरोना योद्धा भारी असमंजस व पेशोपेश में है, जिसके कारण प्रदेश के हजारो कोरोना योद्धाओं में शासन के प्रति भरी रोष व्याप्त हैं।
संघ के अरवेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, अटल उपाध्याय, नरेन्द्र दुबे, आलोक अग्निहोत्री, मुकेश सिंह, दुगेश पाण्डेय, आशुतोष तिवारी, मुन्ना लाल पटेल, ब्रजेश मिश्रा, वीरेन्द्र चंदेल, एस.पी. बाथरे, दीपक राठौर, अनुराग चन्द्रा, मुकेश मिश्रा, परसुराम तिवारी, चुरामन गुर्जर, सी.एन. शुक्ला, सतीश देशमुख, पंकज जयसवाल, योगेश कपूर, ऋतुराज गुप्ता, अतिम गौतम, गनेश सेन, श्यामू तिवारी, नितिन शर्मा, तारिक, वीरेन्द्र सोनी, प्रियाशु शुक्ला, संतोष तिवारी आदि ने मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव को ई-मेल कर कोरोना योद्धाओं हेतु विशेष स्थानांतरण नीति जारी करने की मांग की है।