केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक‘ की स्वीकृति के बाद शिक्षा मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए परफॉरमेंस ग्रेडिंग इंडेक्स (पीजीआई) 2019-20 जारी कर दिया है। केंद्र सरकार ने स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में परिवर्तनकारी बदलाव को उत्प्रेरित करने के लिए 70 मानकों के एक सेट के साथ प्रदर्शन ग्रेडिंग इंडेक्स की शुरुआत की है।
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए पीजीआई पहली बार 2019 में 2017-18 के संदर्भ में प्रकाशित हुआ था। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए पीजीआई 2019-20 इस श्रृंखला में तीसरा प्रकाशन है।
पंजाब, चंडीगढ़, तमिलनाडु, अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह तथा केरल को 2019-20 के लिए उच्चतम ग्रेड (ए++) प्राप्त हुआ है। पहले के वर्षों की तुलना में अधिकतर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने अपनी ग्रेडिंग को सुधारा है।
अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, पुड्डुचेरी, पंजाब तथा तमिलनाडु ने समग्र पीजीआई स्कोर में 10 प्रतिशत का सुधार किया है यानी 100 या अधिक अंक। पीजीआई के कार्यक्षेत्र एक्सेस में अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह, लक्षद्वीप तथा पंजाब ने 10 प्रतिशत (8 अंक) या अधिक का सुधार किया है।
पीजीआई के डोमेन अवसंरचना और सुविधाओं में 13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने 10 प्रतिशत (15 अंक) या उससे अधिक का सुधार दिखाया है। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और ओडिशा ने 20 प्रतिशत या उससे अधिक का सुधार दिखाया है। पीजीआई के डोमेन इक्विटी में अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर तथा ओडिशा ने 10 प्रतिशत से अधिक का सुधार दिखाया है।
पीजीआई के डोमेन गवर्नेंस प्रोसेस में 19 राज्यों तथा केंद्र शासिक प्रदेशों ने 10 प्रतिशत (36 अंक) या उससे अधिक का सुधार दिखाया है। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, पंजाब, राजस्थान तथा पश्चिम बंगाल ने कम से कम 20 प्रतिशत (72 अंक या अधिक) का सुधार दिखाया है।