मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के मुरैना वृत्त के नूराबाद वितरण केन्द्र अंतर्गत ग्राम मदनबसई (महावीर का पुरा) विचौला रोड के किनारे रखे 25 केव्हीए के अवैध ट्रांसफार्मर को हटाने के दौरान बिजली कंपनी के अधिकारियों एवं कर्मचारियों से मारपीट करने के आरोप में एक दर्जन से अधिक आरोपियों पर एफआईआर दर्ज कराई गई है।
जानकारी के अनुसार विद्युत कंपनी के बानमौर उप संभाग के प्रबंधक राहुल चौधरी एवं नूराबाद वितरण केन्द्र के सहायक प्रबंधक सुभाष धाकड़ द्वारा लाइन कर्मचारियों के साथ ग्राम मदनबसई विचौला रोड के किनारे रखा 25 के.व्ही.ए. का अवैध ट्रांसफार्मर हटाया जा रहा था।
इस दौरान मदनबसई निवासी वीरेन्द्र सिंह गुर्जर, गिर्राज गुर्जर, सूरज गुर्जर, मोतीराम गुर्जर, गब्बर सिंह गुर्जर एवं अज्ञात एक दर्जन से अधिक लोगों द्वारा शासकीय कार्य में बाधा डालने के साथ ही बिजली कंपनी के अधिकारी एवं कर्मचारियों से दुर्व्यवहार एवं मारपीट की गई।
विद्युत कंपनी द्वारा घटना में शामिल एक दर्जन से अधिक आरोपियों पर नूराबाद थाने में शासकीय कार्य में बाधा डालने, अधिकारियों एवं कर्मचारियों से मारपीट एवं दुर्व्यवहार करने पर एफआईआर दर्ज कराई गई है। थाना नूराबाद द्वारा आरोपियों के विरूद्ध भारतीय दंड संहिता 1860 अधिनियम की धारा 353, 332, 186, 336, 294, 147 एवं 148 में अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना प्रारंभ कर दी गई है।
मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध संचालक गणेश शंकर मिश्रा ने बिजली कंपनी के मैदानी कर्मचारियों और अधिकारियों के साथ ड्यूटी के दौरान असामाजिक तत्वों द्वारा मारपीट व दुर्व्यवहार की घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने तुरन्त एफआईआर कराने के निर्देश दिए हैं।
कंपनी ने कहा है कि प्रायः देखने में आ रहा है कि बिजली कर्मियों पर ड्यूटी के दौरान असामाजिक तत्वों द्वारा मारपीट व दुर्व्यवहार किया जा रहा है। चूंकि ऐसी घटनाएं विद्युत अधिकारियों और कर्मचारियों का मनोबल गिराती हैं, इसलिए कंपनी के कार्यक्षेत्र में कार्यरत सभी नियंत्रणकर्ता अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि मैदानी अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ होने वाली दुर्व्यवहार या मारपीट की घटनाओं को पूरी गंभीरता से लिया जाए।
विद्युत कंपनी ने मैदानी अधिकारियों व कर्मचारियों से कहा है कि विद्युत आपूर्ति की स्थिति पर लगातार नजर रखें और जिले के कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक से संपर्क कर किसी भी अप्रिय स्थिति में उनसे आवश्यक सहयोग प्राप्त करें। इस संबंध में मैदानी महाप्रबंधकों व उपमहाप्रबंधकों को निर्देशित किया गया है कि वे अपने कार्यक्षेत्र में विगत 5 वर्ष में कंपनी के अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ हुई मारपीट मामलों में पुलिस थाने में दर्ज एवं कोर्ट में विचाराधीन मुकदमों की समीक्षा करें।