मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश के युवाओं में क्षमता, ऊर्जा, प्रतिभा और टेलेंट है। उद्योगपति और व्यापारिक संस्थान इन्हें काम सिखाएंगे, तो वे उनके प्रतिष्ठान को मालामाल कर देंगे। मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना व्यावसायिक प्रतिष्ठानों और युवाओं के हितों को समान रूप से ध्यान में रखते हुए बनाई गई है। इससे युवाओं को काम सीखने का मौका मिलेगा और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को स्किल्ड मेनपावर की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। योजना के सफल क्रियान्वयन से मध्यप्रदेश आगे बढ़ेगा। सीखो-कमाओ योजना का संक्षिप्त रूप एस.के.वाय अर्थात् स्काय मतलब आसमान है। युवा आगे आएँ, योजना से जुड़ें, आसमान में ऊँची उड़ान भरें और अपने जीवन को सफल और सार्थक बनाये। मैं युवाओं के सपनों को किसी भी कीमत पर मरने नहीं दूँगा। चिड़िया अपने बच्चों को घोसला नहीं पंख देती है, मैं आज पंख देने आया हूँ और इसीलिए मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना लागू की गई है। मुख्यमंत्री श्री चौहान रवीन्द्र भवन में मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना की लांचिंग के राज्य स्तरीय कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने आईटीआई उत्तीर्ण श्री राज कुशवाह का स्वयं योजना के पोर्टल पर पंजीयन कराकर योजना का शुभारंभ किया।
उद्योग समूह भी हुए शामिल
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। प्रदेश के सभी कॉलेज, स्कूल और तकनीकी शिक्षा संस्थान कार्यक्रम से वर्चुअली जुड़े। राज्य स्तरीय कार्यक्रम में तकनीकी शिक्षा, कौशल और रोजगार मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया, उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव, अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री सुश्री मीना सिंह, संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री सुश्री उषा ठाकुर, खजुराहो सांसद श्री वी.डी. शर्मा विशेष रूप से उपस्थित थे। कार्यक्रम में टाटा प्रोजेक्ट्स, वॉल्वो-आयशर, सन फार्मा, ट्राइडेंट, वर्धमान टेक्सटाईल और सागर ग्रुप के पदाधिकारी भी शामिल हुए। योजना की राज्य स्तरीय लांचिंग में विभिन्न शिक्षण संस्थाओं के छात्र-छात्राएँ उपस्थित थीं।
युवाओं से मेरा प्यार, दिल और आत्मीयता का नाता
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने युवाओं से आत्मीय संवाद में भाव-विभोर होते हुए उन्हें ‘आई लव यू’ कहा और कहा कि मेरे और आपके रिश्ते मुख्यमंत्री और विद्यार्थी के रिश्ते नहीं हैं, मेरा आपसे प्यार, दिल और आत्मीयता का नाता है। यह स्नेह और प्रेम का रिश्ता है। आप लोगों का बेहतर भविष्य बनाना हमारा संकल्प है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी देश निर्माण को समर्पित हैं। उनके नेतृत्व में देश का गौरव बढ़ा है। वे सभी क्षेत्रों में काम कर रहे हैं। प्रदेश के युवाओं का बेहतर भविष्य कैसे सुनिश्चित हो, इस दिशा में राज्य सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है। छात्र-छात्राओं को बेहतर शिक्षा मिले, इस उद्देश्य से स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में अनेक कदम उठाए गए हैं। कर्मी कल्चर को समाप्त कर नियमित शिक्षकों की व्यवस्था की जा रही है। छात्रवृत्तियों, नि:शुल्क पाठ्य-पुस्तकें, मेधावी विद्यार्थियों को लेपटॉप, दूसरे गाँव पढ़ने जाने वाली बालिकाओं को साइकिलें उपलब्ध कराकर बेहतर और नियमित शिक्षा की व्यवस्था की गई है। इस वर्ष शालाओं में कक्षा 12वीं में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को ई-स्कूटी प्रदान की जाएगी।
युवाओं को रोजगार और स्व-रोजगार के लिए व्यापक गतिविधियां जारी
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि युवाओं को रोजगार के लिए विभिन्न स्तरों पर प्रयास जारी हैं। स्वतंत्रता दिवस पर एक साल में एक लाख सरकारी नौकरियाँ देने की बात कही गई थी। अब तक 55 हजार भर्तियाँ हो चुकी हैं और आगामी 15 अगस्त से पहले एक लाख से अधिक शासकीय भर्तियां हो जाएंगी। रोजगार के लिए मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना, मुद्रा योजना, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम आदि में स्व-रोजगार के लिए ऋण की व्यवस्था की गई है। युवा स्वयं का स्टार्टअप आरंभ कर सकते हैं। प्रदेश में अब तक 2800 स्टार्टअप कार्यरत हैं। प्रदेश की धरती पर निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए हरसंभव प्रयास जारी हैं। उद्योगपतियों द्वारा प्रदेश में लगभग 15 लाख 42 हजार 550 करोड़ के निवेश की प्रतिबद्धता अभिव्यक्त की गई है। इन उद्योगों से बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर सृजित होंगे। प्रदेश में आने वाले इन उद्योगों को दक्ष मेन पावर उपलब्ध कराने के लिए भोपाल में ग्लोबल स्किल पार्क आरंभ किया जा रहा है, जहाँ युवाओं को कौशल उन्नयन के अवसर मिलेंगे। इसी प्रकार के पार्क ग्वालियर, जबलपुर, रीवा और इंदौर में भी आरंभ होंगे।
मुख्यमंत्री ने दी योजना की जानकारी
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि योजना में 18 से 29 वर्ष के युवा पात्र होंगे। मध्यप्रदेश के स्थायी निवासी योजना का लाभ ले सकेंगे। कक्षा 12वीं उत्तीर्ण को 8 हजार रूपए, आईटीआई उत्तीर्ण को 8 हजार 500, डिप्लोमा उत्तीर्ण को 9 हजार रूपए, स्नातक या उच्च शिक्षित को 10 हजार रूपए की सम्मान राशि प्रदान की जाएगी। युवाओं को रोजगार के व्यापक अवसर उपलब्ध कराने के लिए 700 कोर्सेस चयनित किए गए हैं। इसमें सभी प्रकार के उद्योग, व्यापारिक प्रतिष्ठान, सर्विस सेक्टर आदि को शामिल किया गया है। पोर्टल पर युवा अपनी योग्यता और रूचि के अनुसार गतिविधि चुन सकेंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने पंजीकरण की प्रक्रिया को भी युवाओं को विस्तार से समझाया। उन्होंने कहा कि समग्र पोर्टल पर आधार ई-केवायसी आवश्यक है। पंजीयन के लिए मोबाइल नंबर एवं ई-मेल आईडी जरूरी है और बैंक खाता आधार से लिंक हो एवं डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर में सक्षम होना चाहिए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने युवाओं के प्रश्नों और जिज्ञासाओं का समाधान भी किया।
योजना से अब तक 10 हजार 432 प्रतिष्ठान जुड़े
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि योजना में अब तक 10 हजार 432 प्रतिष्ठानों ने पंजीयन करा लिया है और 34 हजार 785 वेकेंसी चिन्हित हैं। प्रदेश के साथ ही प्रदेश के बाहर के प्रतिष्ठानों को भी योजना से जोड़ा जा रहा है। यह देश और दुनिया की अद्भुत और अनूठी योजना है। योजना के क्रियान्वयन से जो फीडबेक सामने आएगा, उसके आधार पर भविष्य में आवश्यक सुधार भी किया जाएगा। हम युवाओं के साथ आगे बढ़ेंगे और मध्यप्रदेश को ऊँचाइयों पर पहुँचाएंगे।