भाजपा सांसद और राजग उम्मीदवार ओम बिरला को आज बुधवार को सर्वसम्मति से लोकसभा अध्यक्ष चुन लिया गया। पद संभालने के बाद उन्होंने कहा कि वह निष्पक्षता के साथ सदन चलाएंगे और कम संख्या वाले दलों को भी पर्याप्त समय दिया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रखे गये और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा अनुमोदित प्रस्ताव को सदन द्वारा ध्वनिमत से स्वीकार किये जाने के बाद कार्यवाहक अध्यक्ष वीरेंद्र कुमार ने बिरला के अध्यक्ष के रूप में निर्वाचन की घोषणा की। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी समेत अन्य दलों के नेता बिरला को अध्यक्ष के आसन तक लेकर गये। इस दौरान पूरे सदन ने ताली बजाकर और मेजें थपथपाकर नये अध्यक्ष का अभिनंदन किया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सदन की उच्चतम परंपराओं के अनुसार सत्रहवीं लोकसभा के अध्यक्ष के रूप में ओम बिरला के सर्वसम्मति से चुने जाने का स्वागत किया। ओम बिरला को बधाई देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने आज लोकसभा में अपने संबोधन के दौरान कहा कि सदन के अध्यक्ष के रूप में इतना विशिष्ट व्यक्तित्व का होना सभी सदस्यों के लिए गर्व का क्षण है। उन्होंने कहा कि ओम बिरला वर्षों से सार्वजनिक जीवन में रहे हैं, एक छात्र नेता के रूप में शुरुआत करते हुए वह निरंतर समाज की सेवा करते रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कोटा (राजस्थान) के बदलाव और समग्र विकास में श्री ओम बिरला द्वारा निभाई गई भूमिका की सराहना की। प्रधानमंत्री ने नवनिर्वाचित अध्यक्ष के साथ अपने लंबे जुड़ाव को भी याद किया। उन्होंने ओम बिरला की सेवा के प्रति समर्पण और भूकंप के बाद कच्छ में पुनर्निर्माण के प्रयासों तथा बाढ़ के बाद केदारनाथ के लिए किए गए उनके योगदान को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि सत्रहवीं लोकसभा को इसके अध्यक्ष के रूप में एक सहृदय नेता मिल रहा है। प्रधानमंत्री ने अध्यक्ष को आश्वासन दिया कि वह सदन की कार्यवाही के सफलतापूर्वक संचालन में सदस्यों का पूर्ण सहयोग प्राप्त करेंगे।
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी, द्रमुक के टी आर बालू एवं तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय उन नेताओं में शामिल थे जिन्होंने बिरला की उम्मीदवारी का समर्थन किया और उनसे पीठासीन अधिकारी के रूप में निचले सदन को चलाने के समय निष्पक्ष रहने का अनुरोध किया।