रांची (हि.स.)। भगवान शिव के पूजन का विशेष माह सावन 22 जुलाई से शुरू हो रहा है। खास संयोग है कि सोमवार से ही सावन महीने का शुभारंभ हो रहा है। इस बार सावन में पांच सोमवार पड़ेंगे, जिस कारण यह महीना और शुभ हो रहा है। सालों ऐसा अद्भुत संयोग बाद बन रहा है।
सावन के कृष्ण पक्ष में एक तिथि का हानि होने के कारण यह पक्ष 14 दिनों का है। पंडित रामदेव पाण्डेय ने कहा कि अमावस्या तिथि को पुष्य नक्षत्र मिलने के कारण इस वर्ष मध्यम व समुचित वर्षा की संभावना है। सावन में साग नहीं खाने का विधान है। सावन में प्रतिदिन भगवान भोलेनाथ को जलाभिषेक करने का विशेष महत्व है। यह जलाभिषेक मंदिर व घर दोनों जगह कर सकते हैं। यदि प्रतिदिन मंदिर नहीं जा पा रहे हैं, तो सोमवार को मंदिर में जलाभिषेक व व्रत कर सकते हैं।
साथ ही सावन में रुद्राभिषेक, महामृत्युंजय मंत्र का जाप, हवन, लघुरुद्र, महारुद्र, अतिरुद्र व शिव चालीसा के पाठ और मंत्र जाप का भी विशेष महत्व है। इस मास में काफी भक्त बाबा भोलेनाथ को जलाभिषेक करने के लिए बैद्यनाथ धाम जाते है। वहीं बाबा अमरनाथ सहित अन्य शिवलिंग का दर्शन करने व जलाभिषेक करने के लिए जाते हैं। इस महीन के प्रत्येक मंगलवार को देवी पूजन व हनुमान जी के पूजन व दर्शन करने का भी विशेष महत्व है।
सोमवार 5 अगस्त से सावन शुक्ल पक्ष शुरू हो रहा है। इस पक्ष मे नवमी तिथि की वृद्धि व द्वादशी तिथि की हानि होने के कारण यह पक्ष पूरे 15 दिनों का है। इस पक्ष में शनिवार को सिंह की संक्रांति पड़ने के कारण अत्यधिक बारिश की संभावना है। सोमवार 19 अगस्त को रक्षा बंधन व सावन मास का समापन है। साथ ही व्रत व स्नान दान की पूर्णिमा है। सोमवार 19 अगस्त को रात 12.28 बजे तक पूर्णिमा है। दोपहर 1:25 बजे के बाद से रक्षाबंधन शुरु होगा, क्योंकि इससे पहले भद्रा रहेगा।
सावन के पांच सोमवार
सावन का पहला सोमवार 22 जुलाई
सावन का दूसरा सोमवार 29 जुलाई
सावन का तीसरा सोमवार 5 अगस्त
सावन का चौथा सोमवार 12 अगस्त
सावन का पांचवा सोमवार 19 अगस्त