आत्मा के फफोले: जसवीर त्यागी

रसोई में चाय बनाते हुए
अपनी ही असावधानी से
जला बैठा वह अपना हाथ

जीवन में पहली बार
आमना-सामना हुआ
अँगुलियों से आग का

देखते ही पत्नी ने
तुरन्त लगाया नारियल का तेल
बतायी आग से जुडी
अनेक सावधानियां

उसने एक दिन की
जलन को कर दिया जगजाहिर
सभी को दिखाये
अँगुलियों पर पड़े फफोले

लेकिन क्या कभी जान पाओगे?
उन स्त्रियों के बारे में
जो हर दिन होती हैं
आग के बीचोबीच

क्या कभी देख पाओगे?
उनकी आत्मा पर पड़े वे फफोले

जो समय-समय पर
तुमने ही दिये हैं।

जसवीर त्यागी